सारधा चिटफंड घोटाला : केस को प्रभावित करने वाले जेल से हैं बाहर

सारधा: कुणाल ने फिर बोला हमला, कहा आरोपियों की न्यायिक हिरासत तीन नवंबर तक बढ़ी कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वह जेल के अंदर हैं, लेकिन जो इस मामले (सारधा) को प्रभावित करने वाले हैं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2014 4:04 AM
सारधा: कुणाल ने फिर बोला हमला, कहा
आरोपियों की न्यायिक हिरासत तीन नवंबर तक बढ़ी
कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वह जेल के अंदर हैं, लेकिन जो इस मामले (सारधा) को प्रभावित करने वाले हैं, वह जेल के बाहर हैं.
घोष ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई के दौरान खुद अपनी बात रखी. मंगलवार को घोटाले से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही स्थानीय अदालत ने सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन, उनकी करीबी सहयोगी देबयानी मुखर्जी और तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन नवंबर तक बढ़ा दी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में घोष ने दलील दी कि वह सारधा समूह के कोषों की गड़बडी में शामिल नहीं थे, क्योंकि वह संपादकीय विभाग में थे जो वित्त विभाग से संबद्ध नहीं था. घोष ने अपनी जमानत की अपील करते हुए कहा कि जो लोग मामले को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, वे जेल से बाहर हैं.
इसलिए उनकी जमानत से मामले की जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने फिर अपना गोपनीय बयान दर्ज करने की अपील की. गौरतलब है कि सीबीआइ इसका विरोध कर रही है. अदालत ने इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार सीबीआइ अधिकारी पर छोड़ दिया. मालूम रहे कि कुणाल पूर्व में कह चुके हैं कि उन्हें, सुदीप्त सेन व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक साथ बैठाकर पूछताछ की जानी चाहिए.
शुभ प्रसन्ना के स्टूडियो का उपकरण कुर्क कर सकता है प्रवर्तन निदेशालय
कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) पेंटर शुभ प्रसन्ना के साल्टलेक स्थित टीवी कार्यालय के उपकरण कुर्क करने पर विचार कर रहा है. इडी के एक शीर्ष सूत्र ने कहा : अधिकारियों की टीम ने शुभ प्रसन्ना के स्वामित्व वाले टीवी चैनल के स्टूडियो में रखे उपकरणों का जायजा लिया. शुभ प्रसन्ना टीवी चैनल शुरू कर उसे सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन को बेचना चाहते थे. इससे पहले अधिकारियों ने घोटाले के सिलसिले में चित्रकार से पूछताछ की थी. शुभ प्रसन्ना को सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस का करीबी समझा जाता है.

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