बनगांव के रास्ते बांग्लादेश के लिए शुरू होगी ट्रेन सेवा

कोलकाता : बनगांव के सीमांत क्षेत्र के माध्यम से कोलकाता से बांग्लादेश तक आजादी के पहले रेल चलती थी. अब इस रेल मार्ग को फिर से शुरू करने के लिए भारत व बांग्लादेश ने कवायद शुरू कर दी है. इस रूट से ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए दोनों देश राजी हैं. इस विषय पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2014 6:42 AM
कोलकाता : बनगांव के सीमांत क्षेत्र के माध्यम से कोलकाता से बांग्लादेश तक आजादी के पहले रेल चलती थी. अब इस रेल मार्ग को फिर से शुरू करने के लिए भारत व बांग्लादेश ने कवायद शुरू कर दी है. इस रूट से ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए दोनों देश राजी हैं.
इस विषय पर चर्चा करने के लिए बांग्लादेश के रेल विभाग के दो एडीजी शाह जहिरुल इसलाम व खलिलुर रहमान यहां पहुंचे हैं.
उनके साथ बांग्लादेश में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी भी यहां आये हैं. सोमवार व मंगलवार को इस संबंध में बांग्लादेश रेल विभाग के एडीजी भारतीय रेल मंत्रलय के अधिकारियों से मिलेंगे और इनके बीच दो चरणों में बैठक होगी. बैठक में रेल मंत्रलय के अधिकारियों के साथ पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. बैठक में पेट्रापोल- बेनापोल के रूट से ट्रेन चलाने पर चर्चा होगी. साथ ही वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच चल रहे मैत्री एक्सप्रेस की संख्या भी बढ़ाने पर विचार किया जायेगा.
रेलवे अधिकारियों के साथ ही बैठक में विदेश मंत्रलय, सीमा शुल्क विभाग व बीएसएस के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. कोलकाता में प्राथमिक दौर की बैठक के बाद दिल्ली में इस पर बैठक होगी और अंतिम फैसला लिया जायेगा.
जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश सरकार की ओर से भारत सरकार से कोलकाता-खुलना के बीच शुरू की जानेवाली ट्रेन सेवा के लिए अतिरिक्त सुविधा की मांग की जायेगी. यात्रियों के पासपोर्ट व वीजा की जांच ट्रेन के अंदर ही करने का प्रस्ताव पेश किया जायेगा ताकि यात्रियों को परेशानी न हो. अभी गेदे-दर्शना के माध्यम से चल रही मैत्री एक्सप्रेस को खड़ी कर पासपोर्ट व वीजा की जांच होती है, इससे ट्रेन को भी कई घंटों तक रुके रहना पड़ता है. ट्रेन के अंदर ही जांच कराने से लोगों को कम परेशानी होगी.
जानकारी के अनुसार, बनगांव की सीमा से बांग्लादेश के अलग होने से पहले ट्रेन चलती थी. करीब 100 वर्ष यहां से ट्रेन चलती थी, जो उत्तर बंगाल व असम की ओर भी जाती थी. लेकिन देश विभाजन के बाद इस रूट से ट्रेन सेवा बंद कर दी गयी है. हालांकि अभी भी इस रूट से माल गाड़ी चलती है.

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