बसों की मरम्मत के लिए दिये 14.50 करोड़

कोलकाता. कलकत्ता स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (सीएसटीसी) की खराब पड़ी बसें अब फिर से सड़कों पर दौड़ती नजर आयेंगी. राज्य सरकार ने इन बसों की मरम्मत के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में 14.50 करोड़ रुपये की मदद दी है. इस रकम से सीएसटीसी लगभग 100 बसों की मरम्मत करवायेगा. फंड की किल्लत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 8:03 PM

कोलकाता. कलकत्ता स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (सीएसटीसी) की खराब पड़ी बसें अब फिर से सड़कों पर दौड़ती नजर आयेंगी. राज्य सरकार ने इन बसों की मरम्मत के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में 14.50 करोड़ रुपये की मदद दी है. इस रकम से सीएसटीसी लगभग 100 बसों की मरम्मत करवायेगा. फंड की किल्लत के कारण सीएसटीसी की लगभग 200 बसें पिछले एक वर्ष से बेकार खड़ी हैं. वर्तमान में सीएसटीसी की लगभग 450 बसें शहर में चलती हैं. जवाहरलाल नेहरु नेशनल अर्बन रिनुअल मिशन के तहत राज्य सरकार ने कुछ वर्ष पहले बड़ी संख्या में जो बसें खरीदी थीं, उनमें से काफी देखभाल व मरम्मत के अभाव में बेकार खड़ी है. कुछ महीने पहले सीएसटीसी ने परिवहन मंत्री मदन मित्रा को एक प्रस्ताव भेज कर खराब पड़ी बसों को बदलने के लिए फंड देने का आवेदन किया था. सीएसटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि नयी बसों के पुर्जे बेहद महंगे होते हैं और उन्हें पुरानी बसों में इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है. इन बसों के टायर क्लच प्लेट, फ्यूल इंजेक्टर पंप एवं डिस्प्ले बोर्ड पूरी तरह खराब हो चुके हैं और उन्हें बदला नहीं जा सकता है. जानकारों का कहना है कि सर्विस इंजीनियरों की कमी एवं रेडिएटर में इस्तेमाल किये गये पानी की खराब गुणवत्ता बसों की खराब हालत के मुख्य रुप से जिम्मेदार है. यात्री अक्सर यह शिकायत करते हैं कि सीएसटीसी की बसें अक्सर बीच रास्ते में खराब हो जाती है. अधिकारियों का कहना है कि कुछ बसों में अपग्रेड इंजीन लगाने के बावजूद भी उनकी हालत ठीक नहीं है, क्योंकि अन्य पुजार्ें की हालत खराब है. अधिकारियों का समझ में नहीं आ रहा है कि इंजन नया होने के बावजूद ऐसा क्यों हो रहा है.

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