पर्याप्त सुरक्षा के बिना चुनाव नहीं

कोलकाता: राज्य में पंचायत चुनाव के आयोजन पर आशंका के बादल फिर से मंडराने लगे हैं. राज्य चुनाव आयोग ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ के सामने कहा है कि बगैर पर्याप्त सुरक्षा बल के वह पंचायत चुनाव नहीं करा सकता. केंद्र सरकार की ओर से भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

कोलकाता: राज्य में पंचायत चुनाव के आयोजन पर आशंका के बादल फिर से मंडराने लगे हैं. राज्य चुनाव आयोग ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ के सामने कहा है कि बगैर पर्याप्त सुरक्षा बल के वह पंचायत चुनाव नहीं करा सकता. केंद्र सरकार की ओर से भी केंद्रीय बल भेजने में असमर्थता व्यक्त की गयी है.

उसकी ओर से कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड और अन्य स्थानों पर केंद्रीय बल तैनात हैं. राज्य चुनाव आयोग ने खंडपीठ के सामने कहा कि राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध बल बेहद कम है और वह बगैर पर्याप्त बल के पंचायत चुनाव कराने की जिम्मेदारी नहीं ले सकता.

आयोग के वकील समरादित्य पाल ने कहा कि हाइकोर्ट के 14 जून के आदेश के बाद से राज्य सरकार की ओर से कई बार पर्याप्त बल मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन ऐसा किया नहीं गया. ऐसा लगता है कि चुनाव नहीं कराने की एक साजिश है. उन्होंने केंद्र द्वारा केंद्रीय सशस्त्र बल मुहैया नहीं करा पाने की असमर्थता पर सवाल भी उठाया. केंद्र सरकार की ओर से वकील एसएस सरकार ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण केंद्रीय बल को राहत व बचाव कार्य के लिए तथा अन्य कारणों से इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसलिए केंद्र द्वारा बल की व्यवस्था करना संभव नहीं है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्र के लिए भी केंद्रीय बल की तैनाती की जरूरत है. साथ ही असम में उग्रवाद से निबटने के लिए, आंध्र प्रदेश में तेलंगाना आंदोलन के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए और विभिन्न राज्यों में माओवाद से निबटने के लिए केंद्रीय बल की जरूरत है. श्री सरकार का कहना था कि स्थानीय चुनाव कराना राज्य की जिम्मेदारी है और केंद्रीय बल का इस्तेमाल इसके लिए नहीं होता. उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार के पास जो बल है, उसकी तादाद काफी अधिक है. इसमें सीएपीएफ के 42 बटालियन, आइआरबी के दो और राज्य सशस्त्र बल के 20 बटालियन हैं.

इनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए हो सकता है. राज्य के एडवोकेट जनरल विमल चट्टोपाध्याय ने कहा कि यदि केंद्रीय बल नहीं आता है, तो राज्य का बल प्रत्येक बूथ में न सही, प्रत्येक मतदान केंद्र में दिया जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग यह कोशिश कर रहा है कि चुनाव न हो. मामले की सुनवाई फिर मंगलवार को होगी. केंद्र सरकार का विस्तृत पक्ष इस दिन पता चल सकेगा.

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