बेल्जियम की नजर भारत के फूड मार्केट पर

कोलकाता. अब भारतीय फल बाजार में बेल्जियम के सेब और नाशपाती की एक नई किस्म को पेश किया गया है. ‘जॉली रेड सेब’ तथा ‘कांफ्रेंस नाशपाती’ की बेल्जियम में खेती की जाती है. भारत ताजे फलों का एक बड़ा आयातक देश है. भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के फल उपलब्ध कराने के लिए भारत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 11:02 PM

कोलकाता. अब भारतीय फल बाजार में बेल्जियम के सेब और नाशपाती की एक नई किस्म को पेश किया गया है. ‘जॉली रेड सेब’ तथा ‘कांफ्रेंस नाशपाती’ की बेल्जियम में खेती की जाती है. भारत ताजे फलों का एक बड़ा आयातक देश है. भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के फल उपलब्ध कराने के लिए भारत के ताजे फलों के अग्रणी आयातक कंपनी यूप्वा ग्रुप ऑफ कंपनीज और बेल्जियम के फल उत्पादकों की सबसे बड़ी कंपनी बेल्गिश्चे फ्रूटवेलिंग ने हाथ मिलाया है. फलों की ये दोनों किस्में काफी मीठी व वैक्सरहित हैं तथा इन्हें साफ-सुथरे वातावरण में उगाया जाता है, जिसकी बदौलत ये मार्केट में इस समय उपलब्ध फलों से कहीं बेहतर गुणवत्ता के हैं. शुरू में देश भर के सभी महानगरों को लक्ष्य बनाया गया है और उसके बाद टियर-2 तथा टियर-3 शहरों की ओर बढ़ा जायेगा. युप्वा अपने वित्तीय वर्ष में 1000 टन की ‘जॉली रेड्स सेब’ और 100 टन ‘कांफ्रेंस नाशपाती’ की अनुमानित बिक्री की संभावना जता रही है. ये फल देश भर के अग्रणी रिटेल स्टोर्स और स्ट्रीट वेंडर्स के यहां 160 से 180 प्रति किलो की कीमत पर उपलब्ध होंगे. भारत में ताजे फलों का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा उपभोक्ताओं के पास पहुंचने से पहले सड़ जाता है.श्री अंबरीश कैवर्त, युप्वा ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन का कहना है कि हाल ही के वर्षों में भारतीय मार्केट, दुनिया भर से उत्पादों के आयात के लिए एक खुला मार्केट बना है.

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