सर्वदलीय प्रस्ताव पारित

विधानसभा : सांप्रदायिकता के खिलाफ एकजुट हुए तृणमूल, वामो व कांग्रेस कोलकाता : सांप्रदायिकता के मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में भाजपा के खिलाफ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, वाम मोरचा, कांग्रेस, एसयूसीआइ आदि लामबंद हो गये. संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी की अगुवाई में सांप्रदायिकता के खिलाफ व सांप्रदायिक शांति की रक्षा को लेकर विधानसभा में सर्वदलीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2014 7:54 AM

विधानसभा : सांप्रदायिकता के खिलाफ एकजुट हुए तृणमूल, वामो व कांग्रेस

कोलकाता : सांप्रदायिकता के मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में भाजपा के खिलाफ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, वाम मोरचा, कांग्रेस, एसयूसीआइ आदि लामबंद हो गये. संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी की अगुवाई में सांप्रदायिकता के खिलाफ व सांप्रदायिक शांति की रक्षा को लेकर विधानसभा में सर्वदलीय प्रस्ताव पेश किया गया.

प्रस्ताव पर बहस के दौरान भाजपा के विधायक शमिक भट्टाचार्य ने इसे राजनीतिक उद्देश्य व वोट की राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग सांप्रदायिक नहीं हैं. कौन सांप्रदायिक है और कौन धर्म और जाति की राजनीति करता है, जनता इसका जवाब देगी.

प्रस्ताव पेश करते व इस पर जवाबी भाषण देते हुए संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. शांति व सद्भाव नष्ट करने की कोशिश की जा रही है. राज्य में आरएसएस व दुर्गा वाहिनी की गतिविधियां बढ़ गयी हैं. सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य को जाति-धर्म के आधार पर बंटने नहीं दिया जायेगा. बंगाल की संस्कृति ऐसी है कि भले ही हम अलग-अलग विचार के हों, लेकिन इसका विभाजन स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सांप्रदायिकता के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा : भाजपा विधायक टीवी के पैनल की बहस की तरह अपनी बात रखते हैं, दूसरे की नहीं सुनते. संसद से चले जाते हैं.

सभी दल हों एकजुट : मिश्र

विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि बहुसंख्यक की सांप्रदायिकता के खिलाफ सभी दलों को एकजुट होने की जरूरत है. राज्य में सांप्रदायिक ताकतें सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.

कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने भी राज्य में सांप्रदायिक शांति व सद्भाव बनाये रखने पर जोर दिया. गोरखा जनमुक्ति मोरचा के विधायक हरका बहादुर छेत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीतिक करना ठीक नहीं है. अच्छा होता, अगर सदन में विकास पर चर्चा होती. लेकिन काल्पनिक तनाव पर बहस हो रही है. लोगों को पहले मानव समझना चाहिए, फिर धर्म पर चर्चा हो.

कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत 100 दिनों के कार्य में कटौती करने के खिलाफ गुरुवार को विधानसभा में सर्वदलीय प्रस्ताव पारित हुआ. विधानसभा में भाजपा के एक मात्र विधायक शमिक भट्टाचार्य ने भी आंशिक रूप से इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य के हित की रक्षा के लिए वह साथ हैं. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो वह राज्य सरकार के साथ मिल कर केंद्र से बात करेंगे, लेकिन केवल आशंका के आधार पर इस तरह का प्रस्ताव लाया गया है. केंद्र सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है.

इससे पहले संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में मनरेगा के 100 दिन के कार्य कटौती के विषय पर सर्वदलीय प्रस्ताव पेश किया. वाम मोरचा, कांग्रेस व एसयूसीआइ के विधायकों ने समर्थन किया. श्री चटर्जी ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत 100 दिन की परियोजना को कम करने की कोशिश की जा रही है. 2014-15 में इस मद में अनुदान राशि घटा कर 54 फीसदी कर दी गयी है. वे लोग ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर कम करने का समर्थन नहीं करेंगे. इसके साथ ही इस मद में किये गये कार्य के भुगतान करने की मांग की.

सूर्यकांत ने भी केंद्र के निर्णय की आलोचना की विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने भी केंद्र के निर्णय की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की संख्या घट कर रही है तथा कृषि श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है. कृषि श्रमिक 90 दिन भी काम नहीं कर पाते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव निंदनीय है. आरएसपी के विधायक सुभाष नस्कर ने भी केंद्र सरकार के प्रयास की आलोचना की.

केंद्र को बदलाव करने का अधिकार नहीं

राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने सर्वदलीय प्रस्ताव पर हुई बहस में भाग लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय परियोजना का नाम बदल रही है. भारत निर्माण परियोजना का नाम बदल कर स्वच्छ भारत रखा गया है. परियोजनाओं से इंदिरा व राजीव के नाम हटाये जा रहे हैं. मनरेगा में पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है. पिछले वर्ष इस परियोजना के तहत 4500 करोड़ रुपये का काम हुआ था. इस वर्ष 5500 करोड़ रुपये का कार्य हुआ है. इस परियोजना के तहत अभी भी 1815 करोड़ रुपये बकाया है. केंद्र सरकार इसका तत्काल भुगतान करे, ताकि श्रमिकों को उनके श्रम का भुगतान मिल सके. उन्होंने कहा कि इस सर्वदलीय प्रस्ताव के बाद भी यदि केंद्र का रवैया नहीं बदला, तो वे लोग केंद्र सरकार को पत्र देंगे.

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