राज्य के जेलों में क्षमता के अधिक कैदी बंद

कोलकाता : राज्य के जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है, जिसकी वजह से जेलों में कैदियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, जिन मामलों की सुनवाई लंबे समय से चल रही है और आरोपी के खिलाफ जिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2014 5:02 PM

कोलकाता : राज्य के जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है, जिसकी वजह से जेलों में कैदियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, जिन मामलों की सुनवाई लंबे समय से चल रही है और आरोपी के खिलाफ जिस एक्ट के तहत मामले हैं, उसके अनुसार अधिकतम जो सजा है, उसका अगर आधा समय वह जेल में बिता चुके हैं तो उनको जमानत पर रिहा करना होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को हथियार बनाते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी हाइकोर्ट में मामला किया है और लंबे समय से जेल में बंद कैदियों को छोड़ने की मांग की है.बंगाल के कुल जेल में कैदियों को रखने की क्षमता – 20,900जेल में बंद कैदियों की संख्या – 23,000- 24,500स्वाभाविक की तुलना में 12-17 प्रतिशत अधिक कैदी हैं जेल में बंदसुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक रिहा हुए मात्र 38 कैदीबंगाल में लंबित मामलों की संख्यासमय मामला3-6 माह 27376-12 माह 20961-3 साल 30203-5 साल 6825 वर्ष से अधिक 309

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