वामपंथी टैक्सी संगठनों में पड़ी दरार
एटक व सीटू ने अलग-अलग आंदोलन की घोषणा कीकोलकाता. पुलिस जुल्म सहित टैक्सी चालकों के आंदोलन को लेकर वामपंथी संगठनों में दरार पड़ गयी है. दुर्गापूजा के पहले एटक व सीटू समर्थित टैक्सी संगठनों ने संयुक्त रूप से आंदोलन किया था तथा संयुक्त रूप से टैक्सी हड़ताल भी की थी, लेकिन पूजा के बाद दोनों […]
एटक व सीटू ने अलग-अलग आंदोलन की घोषणा कीकोलकाता. पुलिस जुल्म सहित टैक्सी चालकों के आंदोलन को लेकर वामपंथी संगठनों में दरार पड़ गयी है. दुर्गापूजा के पहले एटक व सीटू समर्थित टैक्सी संगठनों ने संयुक्त रूप से आंदोलन किया था तथा संयुक्त रूप से टैक्सी हड़ताल भी की थी, लेकिन पूजा के बाद दोनों टैक्सी संगठनों में आंदोलन को लेकर मतभेद उत्पन्न हो गया है. हालांकि औपचारिक रूप से दोनों संगठनों के नेता मतभेद मनाने के लिए तैयार नहीं हैं. एटक समर्थित टैक्सी संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन ने गुरुवार व शुक्रवार को हावड़ा में टैक्सी बॉयकाट का आह्वान किया था तथा 22 दिसंबर को नवान्न अभियान का आह्वान किया है, जबकि सीटू समर्थित टैक्सी संगठन वेस्ट बंगाल टैक्सी हॉकर्स यूनियन (सीटू) ने आठ दिसंबर को राज्यव्यापी टैक्सी हड़ताल व नवान्न अभियान का आह्वान किया है. मतभेद के संबंध में पूछे जाने पर कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि कोई मतभेद नहीं है. सभी संगठनों को अपना आंदोलन करने का अधिकार है. उन लोगों ने पहले भी आह्वान किया था कि अन्य संगठन उनके आंदोलन का समर्थन करें. सीटू के नेता अनादि साहू ने भी कुछ इसी तरह से आठ दिसंबर के हड़ताल के लिए अन्य संगठनों के समर्थन की अपील की है. श्री श्रीवास्तव ने कहा कि तृणमूल के शासन आने के बाद ही एटक समर्थित टैक्सी संगठन ही लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इसमें 18 अप्रैल को लालबाजार अभियान शामिल था. दूसरी ओर, अन्य संगठन बाद में टैक्सी अंादोलन में उतरे हैं. जानकारों का कहना है कि सीटू समर्थित टैक्सी संगठन ने एटक के आंदोलन को हाइजैक करने की कोशिश की है.