कोलकाता : राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भौगोलिक स्थिति के अनुसार अब राज्य सरकार आपदा प्रबंधन करना चाहती है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है, जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में आपदा के जोखिम के बारे में जानकारियां एकत्रित की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डीआरआर) प्रणाली तैयार कर रही है, जो आपदा से जोखिम वाले क्षेत्रों को चिंहित करेगी और साथ ही आपदा के जोखिम को कम करने के लिए उपाय भी बताये जा रहे हैं. इस संबंध में शनिवार को राज्य के योजना विभाग के संयुक्त सचिव अमित चौधरी ने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से अगले वर्ष की शुरुआत से ही इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, वैज्ञानिक व एनजीओ के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा क जिस श्रोत से आपदा की सृष्टि होती है, इसे चिंहित करने के लिए राज्य सरकार नया गाइडलाइन चाहती है, जिससे आपदा के श्रोत का पता लगा कर इसके जोखिम को कम किया जा सके. इस डीआरआर में बंगाल के डेल्टा क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों के डेल्टाओं को भी शामिल किया गया है, ताकि इस क्षेत्र को आपदा के जोखिम से बचाया जा सके. इस योजना पर भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, बांग्लादेश, एजिप्ट, घाना भी मिल कर कार्य कर रही है.
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भौगोलिक स्थिति के अनुसार आपदा प्रबंधन की होगी व्यवस्था
कोलकाता : राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भौगोलिक स्थिति के अनुसार अब राज्य सरकार आपदा प्रबंधन करना चाहती है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है, जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में आपदा के जोखिम के बारे में जानकारियां एकत्रित की जा रही है. इसके लिए […]
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