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उच्च न्यायालय ने पारुई हत्याकांड में सीबीआई जांच को दरकिनार किया

कोलकाता. पारुई हत्याकांड में कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआइ जांच की एकल पीठ के आदेश को दरकिनार कर दिया. इस घटना में एक निर्दलीय पंचायत सदस्य की हत्या के मामले में जिला तृणमूल कांग्रेस का एक नेता आरोपी है.न्यायमूर्ति जयंत विश्वास और न्यायमूर्ति आइसी दास की पीठ ने न्यायमूर्ति हरीश टंडन के आदेश […]

कोलकाता. पारुई हत्याकांड में कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआइ जांच की एकल पीठ के आदेश को दरकिनार कर दिया. इस घटना में एक निर्दलीय पंचायत सदस्य की हत्या के मामले में जिला तृणमूल कांग्रेस का एक नेता आरोपी है.न्यायमूर्ति जयंत विश्वास और न्यायमूर्ति आइसी दास की पीठ ने न्यायमूर्ति हरीश टंडन के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि मामले में आगे जांच का कोई आधार नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि पूर्व में एक एकल पीठ द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) द्वारा की गयी जांच में कोई वास्तविक खामी नहीं है.न्यायमूर्ति टंडन ने यह कहकर 24 सितंबर को पारुई हत्याकांड मामले में सीबीआइ को जांच का निर्देश दिया था कि राज्य की एजेंसियों द्वारा की गई संपूर्ण जांच बाहरी हस्तक्षेप से विरुपित है.खंडपीठ ने हालांकि आज कहा कि सबूत में बदलाव नहीं किया जा सकता और महज आभास किसी फैसले का आधार नहीं हो सकता.अपने निर्णय में न्यायमूर्ति टंडन ने सागर घोष की हत्या से कुछ दिन पहले भडकाउ भाषण देने के आरोपी नेताओं को क्लीन चिट देने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक की भूमिका की निन्दा की थी.तृणमूल कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर सागर घोष ने 2013 के पंचायत चुनाव में निर्दलीय के रुप में चुनाव लडा था और जीत हासिल की थी.पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अणुब्रत मंडल और एक अन्य जिला स्तर के नेता का नाम उन 41 लोगों में शामिल था जिनके खिलाफ घोष की पत्नी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.उन्होंने यह भी कहा था कि यह उम्मीद नहीं की जाती कि डीजीपी किसी अन्य अधिकारी या सरकारी वकील के साथ तब रिपोर्ट साझा करे जब मामले की प्रगति पर अदालत नजर रखे हुए थी.

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