गुस्से में संसदीय व गणतांत्रिक मर्यादा को भूल रहे हैं तृणमूल नेता : भाजयुमो
हावड़ा : जिस पार्टी की नेत्री (सुप्रीमो) सार्वजनिक मंच पर अशालीन भाषा का धड़ल्ले से प्रयोग करती हैं, उस पार्टी के नेताओं से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है. प्रदेश में बढ़ते भाजपा के जनाधार को देख तृणमूल कांग्रेस अपना होश गंवा बैठी है. पार्टी के प्रभाव को रोक पाने में असमर्थ तृणमूल […]
हावड़ा : जिस पार्टी की नेत्री (सुप्रीमो) सार्वजनिक मंच पर अशालीन भाषा का धड़ल्ले से प्रयोग करती हैं, उस पार्टी के नेताओं से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है. प्रदेश में बढ़ते भाजपा के जनाधार को देख तृणमूल कांग्रेस अपना होश गंवा बैठी है. पार्टी के प्रभाव को रोक पाने में असमर्थ तृणमूल के नेता गुस्से में संसदीय व गणतांत्रिक मर्यादा को भूल रहे हैं. राजनीति होनी चाहिए लेकिन, लोकतंत्र में अशालीन भाषा की इजाजत किसी को नहीं है. उक्त टिप्पणी जिला भाजयुमो के अध्यक्ष उमेश राय ने तृणमूल नेता गौतम चौधरी के भाजपा पर दिये बीते बुधवार के बयान पर किया है. उल्लेखनीय है कि तृणमूल नेता व हावड़ा नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) श्री चौधरी ने अपने बयान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बोलने वालों को चेताया था. बयान में यह भी था कि यदि विरोधी दल मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना नहीं छोड़े तो, उनको सबक सिखाने के लिए लाठी की भी मदद ली जा सकती है. यदि जरूरत पड़ी तो बांधा घाट जैसी हजारों घटना को दोहराया जा सकता है. इस बयान पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए भाजयुमो नेता श्री राय ने कहा कि भाजपा एक शांतिप्रिय व अनुशासन में विश्वास रखने वाली पार्टी है. लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है. लेकिन, जिस भाषा का इस्तेमाल तृणमूल के नेता सार्वजनिक मंचों पर कर रहे हैं. इसे कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता.