भगवद्गीता को राष्ट्रीय पुस्तक बनाने के प्रस्ताव का विरोध

कोलकाता. ईसाइयों के संगठन बंगीय क्रिस्टिय परिसेवा ने केंद्र सरकार द्वारा भगवद्गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित किये जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है. बंगीय क्रिस्टिय परिसेवा के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष हिरोद मल्लिक ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि बंगाल के ईसाई समुदाय केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करती है. भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2014 9:02 PM

कोलकाता. ईसाइयों के संगठन बंगीय क्रिस्टिय परिसेवा ने केंद्र सरकार द्वारा भगवद्गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित किये जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है. बंगीय क्रिस्टिय परिसेवा के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष हिरोद मल्लिक ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि बंगाल के ईसाई समुदाय केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करती है. भारत के किसी भी धर्म और जाति के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि भगवद्गीता बहुत ही महत्व के मूल्यों की पुस्तक है. इसमें कोई संदेश नहीं है, लेकिन जानबूझ कर गलत उद्देश्य से भारत के धर्मनिरपेक्ष परंपरा को आघात पहुंचाने के उद्देश्य से यह कोशिश की जा रही है. इसके खिलाफ संगठन की ओर से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा.

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