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डॉ बिंदेश्वर पाठक को विवेकानंद सम्मान

पासपोर्ट साईज फोटो है-1 फरवरी को राज्यपाल के हाथों होंगे सम्मानित कोलकाता. श्री बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय द्वारा प्रवर्तित 29 वां विवेकानंद सेवा सम्मान इस साल समाजसेवी व सुलभ आंदोलन के प्रणेता तथा संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक को सामाजिक सुधार व स्वच्छता आंदोलन के क्षेत्र में उनके क्रांतिकारी अवदान हेतु एक फरवरी 2015 को ओसवाल […]

पासपोर्ट साईज फोटो है-1 फरवरी को राज्यपाल के हाथों होंगे सम्मानित कोलकाता. श्री बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय द्वारा प्रवर्तित 29 वां विवेकानंद सेवा सम्मान इस साल समाजसेवी व सुलभ आंदोलन के प्रणेता तथा संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक को सामाजिक सुधार व स्वच्छता आंदोलन के क्षेत्र में उनके क्रांतिकारी अवदान हेतु एक फरवरी 2015 को ओसवाल भवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के हाथों प्रदान किया जायेगा. उन्हें सम्मान स्वरुप एक लाख रुपये व मानपत्र प्रदान किये जायेंगे. 2 अप्रैल 1943 को बिहार के वैशाली जिले के रामपुर बधेल गांव में जन्मे डॉ बिंदेश्वर पाठक ने पटना विश्वविद्यालय से 1964 में सोशियोलॉजी से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की. 1968 में बिहार-गांधी जन्म शताब्दी समारोह की भंगी मुक्ति समिति से जुड़ कर उन्होंने अस्पृश्यता व मैला ढोने की समस्या का गहराई से चिंतन किया तथा दो गड्ढे वाली सुलभ शौचालय तकनीक जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त, उपयोग में आसान, सांस्कृतिक तौर पर स्वीकार्य होने के साथ-साथ पर्यावरण हितैषी व कम लागत वाली है, का अविष्कार किया. 1970 में आरा नगर-निगम के परिसर में उन्होंने सर्वप्रथम सुलभ शौचालय संस्थान के नाम से इस तकनीक की शुरुआत की, जो आगे चल कर सुलभ इंटरनेशनल व अब सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के नाम से जाना जाता है.

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