वीरभूम बना सॉफ्ट टारगेट
कोलकाता: अब वीरभूम जिले से पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं माओवादी. पहले जंगल महल क्षेत्र में राज्य के सिर्फ तीन जिले थे, लेकिन जिस प्रकार से माओवादियों की सरगरमी बढ़ रही है, आनेवाले समय में वीरभूम जिले के कई क्षेत्र भी माओवादियों के कब्जे में आ जायेंगे. गौरतलब है कि वीरभूम जिले का […]
कोलकाता: अब वीरभूम जिले से पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं माओवादी. पहले जंगल महल क्षेत्र में राज्य के सिर्फ तीन जिले थे, लेकिन जिस प्रकार से माओवादियों की सरगरमी बढ़ रही है, आनेवाले समय में वीरभूम जिले के कई क्षेत्र भी माओवादियों के कब्जे में आ जायेंगे.
गौरतलब है कि वीरभूम जिले का करीब 140 किमी क्षेत्र झारखंड सीमा से सटा हुआ है और इसके अंतर्गत करीब आठ थाने हैं. इन सभी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था न के बराबर है, इसलिए बंगाल में प्रवेश करने का इससे अच्छा रास्ता माओवादियों के लिए और कोई नहीं हो सकता है. वहीं, सीमावर्ती क्षेत्र के गांववालों ने भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में झारखंड से इस क्षेत्र में घुसपैठ कुछ अधिक हुई है. यहां सीमा पर तो लोहे के तार लगे हुए हैं, उन्हें आसानी से काट कर माओवादी यहां प्रवेश कर रहे हैं.
राज्य सरकार सतर्क
वीरभूम जिले में माओवादियों की हरकतों को देखते हुए राज्य प्रशासन भी सतर्क हो गया है. झारखंड में हुई घटना के बाद बुधवार को बंगाल के पश्चिमांचल क्षेत्र के आइजी सिद्धिनाथ गुप्ता ने वीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक, एसडीपीओ व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की व झारखंड से सटे क्षेत्रों को सील करने का निर्देश दिया. उन्होंने सीमा पर स्थित आठों थानों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. साथ ही कटे तारों को जल्द से जल्द लगाने का निर्देश दिया है.
सीमा से प्रवेश करनेवालों पर कड़ी निगरानी
झारखंड के पाकुड़ जिले में हुए माओवादी हमले के बाद राज्य सरकार ने जंगल महल के तीनों जिलों में विशेष सतर्कता जारी कर दी है. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी है. झारखंड से सटे क्षेत्रों से यहां प्रवेश करनेवाले सभी लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. सड़क मार्ग के अलावा सभी सीमावर्ती को लगभग सील कर दिया गया है.
गौरतलब है कि अगले कुछ दिनों में इन जिलों में पंचायत चुनाव होना है और चुनाव के दौरान माओवादियों द्वारा हमले की आशंका जतायी जा रही है, इसे देखते हुए इन जिलों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गयी है. जंगल महल के तीनों जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य के आइजी (कानून-व्यवस्था) ने आश्वस्त किया कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. केंद्र सरकार ने इन जिलों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए और छह कंपनी देने का फैसला किया है, जो अगले सप्ताह तक यहां पहुंच जायेंगे. फिलहाल जंगल महल में 39 कंपनियां तैनात हैं.