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केंद्र व राज्य सरकार के बीच सांठगांठ

कोलकाता: केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों व सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी दलों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है लेकिन इस मसले को लेकर केंद्र व तृणमूल सरकार के बीच सांठगांठ है. तृणमूल सरकार केंद्र की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आयी है. यही वजह है कि इन नीतियों का विरोध […]

कोलकाता: केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों व सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी दलों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है लेकिन इस मसले को लेकर केंद्र व तृणमूल सरकार के बीच सांठगांठ है.

तृणमूल सरकार केंद्र की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आयी है. यही वजह है कि इन नीतियों का विरोध करने वाले वामपंथी दलों की कार्यसूची व विरोध को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार ने दबाने का प्रयास किया. यह आरोप राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने गुरुवार को लगाया. वे केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ व नौ सूत्री मांगों को लेकर 17 वाम दलों की ओर से महानगर के रानी राममणि एवेन्यू में आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे. धरना प्रदर्शन ठीक पहले काफी हंगामा हुआ. वामपंथी कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की की स्थिति हो गयी थी. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया. काफी मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रित हो पायी. हंगामे की वजह से धरना प्रदर्शन व विरोध सभा शुरू होने में करीब एक घंटे की देरी हुई.

वामपंथी नेता विमान बसु ने पुलिस कर्मियों की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन की ओर से वामपंथी दलों के कार्यक्रम को प्रभावित करने की कोशिश की गयी. पहले तो धरना प्रदर्शन के स्थान के लिए प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गयी थी लेकिन कथित तौर पर बाद में प्रशासन ने रानी रासमणि एवेन्यू में कार्यक्रम के लिए सहमति जतायी. वाम नेताओं ने कहा कि धर्मतल्ला मेट्रो चैनल के निकट विरोध रैली रानी रासमणि एवेन्यू पर पहुंची लेकिन वहां मदरसा शिक्षकों का कार्यक्रम चल रहा था और पुलिस ने बैरिकेड लगा रखा गया. आरोप के मुताबिक वामपंथी दलों के कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास था. बैरिकेड के आगे जाने पर पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप भी लगाया गया. बहरहाल हंगामे की घटना में आरएसपी नेता क्षिति गोस्वामी समेत दो वामपंथी कार्यकर्ता समर प्रमाणिक और चांदू घोष को चोट लगने का दावा वाम नेताओं ने किया. धरना प्रदर्शन के ठीक पहले धर्मतल्ला के निकट से विरोध रैली निकाली गयी जिसमें विमान बसु सहित माकपा नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र, सुजन चक्रवर्ती, फारवर्ड ब्लॉक नेता वरुण मुखर्जी, क्षिति गोस्वामी, मंजू कुमार मजूमदार, नरेन दे, जीवन प्रकाश साहा, बड़ाबाजार युवा लीग के नेता श्रीकांत सोनकर, नारायण साहा, अश्विनी साहा, भाकपा (माले) के राज्य सचिव पार्थ घोष, कार्तिक साहा समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

तृणमूल सरकार को सूर्यकांत की चेतावनी

सत्ता में आने से पहले भाजपा ने अच्छे दिन आने का वायदा किया था लेकिन सवाल यह है कि अच्छे दिन किसके लिए आये? अच्छे दिन कार्पोरेट कंपनियों के लिए आये हैं. महंगाई पर कोई लगाम नहीं है. नारी सुरक्षा के मसले पर प्रशासन की भूमिका उदासीन है. केंद्र की आर्थिक नीति भी जग जाहिर हो गयी है. एफडीआइ को बढ़ावा दिया जा रहा है. आम लोगों के हित पर संकट बना हुआ है. केंद्र की इन्हीं जन विरोधी नीतियों के खिलाफ वामपंथी दल लगातार विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को वामपंथी दलों की ओर से महानगर में केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों व सांप्रदायिकता के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन इस कार्यसूची को राज्य सरकार ने प्रभावित करने की कोशिश की. यह आरोप राज्य में विधानसभा के विपक्ष के नेता व माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य डॉ सूर्यकांत मिश्र ने लगाया है. उन्होंने तृणमूल सरकार की ओर इशारा करते हुए चेतावनी दी है कि वे गुरुवार को होने वाली कार्यसूची के बाद सतर्क हो जायें क्योंकि यदि लोगों के हित के लिए वामपंथी दलों के विरोध को रोकने की कोशिश करने का खामियाजा भारी विरोध के सम्मुख होकर भुगतना पड़ेगा. आरोप के मुताबिक केंद्र व तृणमूल सरकार की नीतियों में कोई अंतर नहीं है. जनता के हितों की अनदेखी की जा रही है. आम लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है. वाम नेता ने दावा किया है कि लोग केंद्र व राज्य सरकार की असलियत समझ चुके हैं. अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब आम लोग उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे.

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