कैड संतोषजनक, लेकिन जोखिम बरकरार : राजन

कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) संतोषजनक स्तर पर है हालांकि, इसमें जोखिम भी है. जुलाई से सितंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ कर 10.1 अरब डॉलर हो गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत है. देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2014 7:17 AM

कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) संतोषजनक स्तर पर है हालांकि, इसमें जोखिम भी है. जुलाई से सितंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ कर 10.1 अरब डॉलर हो गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत है.

देश में विदेशी बाहर जाने के मुकाबले उसके अंतर प्रवाह के अंतर को कैड कहते हैं. राजन ने यहां केंद्रीय बैंक की बोर्ड बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सही है कि कैड बढ़ा है. लेकिन यह संतोषजनक दायरे में है और इस पर सावधानी से नजर रखी जा रही है. हालांकि, चालू खाते में जोखिम है. रिजर्व बैंक के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही के दौरान सोने का आयात बढ़ने से कैड बढ़ कर 2.1 प्रतिशत हो गया.

पिछले साल इसी अवधि में यह 1.2 प्रतिशत था. राजन ने कहा कि सोना आयात प्रतिबंधों में ढील दिये जाने से सोने का आयात बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सोना आयात पर लंबे समय तक प्रतिबंध जारी रखना मुश्किल है. हमें इन्हें कम करना होगा. तेल के दाम में गिरावट के बीच उन्होंने कहा कि आगे चलकर इस मामले में कुछ सुरक्षा उपाय करने होंगे.

उन्होंने कहा कि तेल के दाम में आ रही घट-बढ़ पर निर्भर करना मुश्किल काम है, यह अनिश्चित है, हमें नहीं मालूम की आगे क्या होनेवाला है. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट आ रही है, ऐसे में सुनिश्चित ब्याज दर वाली जमा अधिक आकर्षक होगी. इससे सोने का आयात निश्चित ही कम होगा. राजन ने कहा कि चालू खाते में जोखिम है, लेकिन हम इसे लेकर किसी भी तरह से चिंतित नहीं हैं.

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