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सारधा: जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं परिवहन मंत्री, दिनभर हुई पूछताछ संपत्ति खंगाल रही सीबीआइ

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा से सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआइ अधिकारियों ने रविवार को भी पूछताछ की. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, मित्रा दिन भर जांच अधिकारियों के सवालों का जवाब देने से कतराते रहे. अधिकारी बताते हैं कि परिवहन मंत्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे […]

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा से सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआइ अधिकारियों ने रविवार को भी पूछताछ की. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, मित्रा दिन भर जांच अधिकारियों के सवालों का जवाब देने से कतराते रहे. अधिकारी बताते हैं कि परिवहन मंत्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर सवालों के जवाब में वह पता नहीं, मैं नहीं जानता और याद नहीं कह कर चुप्पी साध ले रहे हैं.

सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक, कुछ सवालों के जवाब में मंत्री कह रहे हैं कि जब इस मामले की जांच में आप (जांच अधिकारी) इतने रास्ते तक पहुंच गये हैं, इतने सुबूत जुटा भी लिये हैं तो आगे की भी जांच खुद पूरी कर लें. मुझसे (मदन) पूछताछ कर कुछ भी हासिल नहीं होगा, क्योंकि मैं इस मामले (सारधा) से जुड़ा नहीं हूं. सूत्रों की मानें तो सीबीआइ अधिकारियों ने कई बार सबूत के साथ उनसे पूछताछ की लेकिन कुछ सवालों को छोड़कर अधिकतर प्रश्नों को मदन टाल गये .

जानकारी के अनुसार, सीबीआइ अधिकारी अब मदन मित्रा के बैंक अकाउंट व उनकी प्रॉपर्टी की जानकारी हासिल करने में जुट गये हैं. सूत्रों का कहना है कि मदन मित्रा की आय का स्नेत क्या है? उन्होंने कहां-कहां निवेश किया है? राज्य के बाहर और विदेश में कहां उनकी प्रॉपर्टी है? पिछले पांच साल में आयकर रिटर्न में उन्होंने क्या ब्योरा दिया है. इन सभी सवालों के जवाब के लिए सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि मामले की सुनवाई के दौरान सारधा घोटाले में उनकी संलिप्तता को साबित करने के लिए अदालत में और भी सुबूत पेश करने की तैयारी शुरू हो गयी है, ताकि सुबूत का अभाव बताकर मंत्री के सामने बचाव का कोई रास्ता नहीं रह सके.

वहीं सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि शनिवार को अलीपुर कोर्ट में मदन मित्रा की पेशी के दौरान जांच एजेंसी को जिस परेशानी का सामना करना पड़ा, उसकी रिपोर्ट दिल्ली दफ्तर को भेज दी गयी है. पूरी घटना की वीडियो रिकार्डिग भी भेजी गयी है, जिससे आगे की रणनीति तय करने व फैसला लेने में वरिष्ठ अधिकारियों को परेशानी ना हो. मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस के धरना-प्रदर्शनों को देखते हुए सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की अपील कर सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही है.

आइबी केंद्र को भेजेगा रिपोर्ट

सारधा चिटफंड कांड में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को अलीपुर अदालत में उनकी पेशी के दौरान तृणमूल समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी. गौरतलब है कि मदन मित्रा के समर्थकों ने अलीपुर अदालत में हंगामा किया था तथा विधाननगर कमीशनरेट की गाड़ी में तोड़फोड़ भी की थी. उसके बाद सीबीआइ अधिकारियों पर हमले की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने आइबी से रिपोर्ट तलब की थी. सीबीआइ अधिकारियों ने अदालत के अंदर और बाहर तृणमूल समर्थकों के प्रदर्शन पर चिंता जतायी है. इसके साथ ही सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से मदन मित्रा के समर्थकों ने उत्पात मचाया था, वैसी स्थिति में मदन मित्रा से लेकर सीबीआइ अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. ऐसी स्थिति में सीबीआइ अधिकारी जांच करेंगे या फिर सुरक्षा को लेकर चिंतित रहेंगे?

हंगामा करनेवालों के खिलाफ चलेंगे गैरजमानती मामले

परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को अलीपुर कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान अदालत परिसर में हंगामा व प्रदर्शन करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ अलीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. इलाके के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद लेकर हंगामा करने वाले अज्ञात लोगों की शिनाख्त करने में पुलिस जुट गयी है. पुलिस के मुताबिक, शिनाख्त होने पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. घटना के समय कोर्ट परिसर में तैनात मीडिया पर्सन से घटना का फुटेज हासिल करने की भी कोशिश की जा रही है. पुलिस का कहना है कि एक बेहद संवेदनशील मामले में सीबीआइ के अधिकारियों को इस तरह जांच में बाधा डालने के कारण ही अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. थाने के अधिकारी बताते हैं कि पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है, इस लिहाज से कोर्ट परिसर के अंदर या बाहर सीबीआइ अधिकारियों को कोई भी बाधा पहुंचाने की कोशिश करता है, वह अदालत का अवमानना ही माना जायेगा. इसके अलावा इस दिन पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गयी. इन सब के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी. ज्ञात हो कि परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद अगले दिन अलीपुर कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआइ अधिकारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई बार समर्थकों ने सीबीआइ की गाड़ी रोक दी. घेर कर हंगामा किया और पुलिस वैन के कांच भी तोड़ दिये. इसकी जानकारी सीबीआइ की तरफ से दिल्ली स्थित मुख्य दफ्तर के अधिकारियों को दी गयी है.

क्या हुआ था कोर्ट परिसर में

सीबीआइ ने शनिवार को मदन मित्रा को अलीपुर कोर्ट में पेश किया. इस दौरान तृणमूल समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. उन्होंने अधिकारियों से न सिर्फ धक्का-मुक्की की, बल्कि पत्रकारों को भी निशाना बनाया. पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की गयी. बड़ी मुश्किल से मदन मित्रा को कोर्ट में पेश किया जा सका.

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