सारधा घोटाला: मदन ने नकली आवाज की शिकायत की, हाइकोर्ट जायेगी सीबीआइ
कोलकाता: सारधा घोटाले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र 19 दिसंबर तक सीबीआइ हिरासत में हैं. बुधवार सुबह सीबीआइ दफ्तर लाकर उनसे कई बार पूछताछ की गयी. बताया जा रहा है कि मित्र से पूछताछ में सीबीआइ को कई अहम जानकारियां मिली हैं. सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि परिवहन मंत्री अपने ही बयान […]
कोलकाता: सारधा घोटाले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र 19 दिसंबर तक सीबीआइ हिरासत में हैं. बुधवार सुबह सीबीआइ दफ्तर लाकर उनसे कई बार पूछताछ की गयी. बताया जा रहा है कि मित्र से पूछताछ में सीबीआइ को कई अहम जानकारियां मिली हैं.
सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि परिवहन मंत्री अपने ही बयान में उलझते जा रहे है. अब तक जो जानकारी हाथ लगी है, उससे यह साबित होता है कि तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन से पहचान कराने में मदन मित्र की अहम भूमिका थी. खेल मंत्री होने के कारण कई फुटबॉल क्लबों को भी सुदीप्त से आर्थिक मदद दिलवाकर वह क्लब अधिकारियों की प्रशंसा पाते थे. मदन मित्र ने किस-किस फुटबॉल क्लब को आर्थिक मदद दिलायी, इसके पीछे क्या मकसद था, सीबीआइ यह जानने की कोशिश कर रही है.
बुधवार को दिनभर इसी से संबंधित सवाल मदन मित्र से किये गये. फुटबॉल क्लबों को सरकारी मदद के नाम पर मंत्री सुदीप्त से आर्थिक मदद क्यों दिलवाते थे. इन क्लबों को कितनी रकम दिलवायी गयी. इसकी जांच की जा रही है.
फुटबॉल क्लबों के आय-व्यय की होगी जांच
सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि मदन मित्र से पूछताछ के बाद महानगर के विभिन्न फुटबॉल क्लबों के आय-व्यय का हिसाब लेने की तैयारी की जा रही है. जल्द मदन मित्र के सामने बैठाकर क्लब के सदस्यों से पूछताछ की जायेगी. सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि मदन मित्र परिवहन मंत्री होने के साथ खेल मंत्री भी हैं. इसी सिलसिले में सुदीप्त सेन से उनकी पहचान भी हुई थी. जिस पहचान का लाभ उन्होंने पार्टी के फायदे के लिए उठाया.
दिल्ली दफ्तर से चर्चा
सीबीआइ परिवहन मंत्री मदन मित्र की आवाज की जांच के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी. सीबीआइ अधिकारी का कहना है कि मदन मित्र के व्वायस की रिकार्डिग करने की इजाजत अलीपुर कोर्ट से मांगी गयी थी. इस आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया था. दिल्ली दफ्तर से चर्चा के बाद सीबीआइ अब इस मांग को लेकर हाइकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. मंगलवार को अलीपुर कोर्ट में पेशी के दौरान मदन मित्र ने कहा था कि सीबीआइ उनकी जिस आवाज की बात कर रही है वह नकली है.