कोलकाता : पंचायत चुनाव में चुनाव प्रचार के लिए बाइक के प्रयोग पर भले ही कलकत्ता हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है, लेकिन राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने साफ कर दिया कि बाइक पर निषेधाज्ञा होने के बावजूद बाइक से चुनाव प्रचार जारी रहेगा. तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता ग्रुप में बाइक से चुनाव प्रचार जारी रखेंगे.
जैसा चल रहा है, वैसा ही चलता रहेगा. हाइकोर्ट में विरोधी पार्टियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य के चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आयोग की ओर से सभी जिलों में बाइक से चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी गयी है.
कोलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव और गृह सचिव को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि पंचायत चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के समर्थक समूहों में मोटरसाइकिल से नहीं चलें. साथ ही पंचायत के उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक एसआइ सहित 10 जवानों को तैनात करने का निर्देश दिया था, लेकिन राज्य सरकार इसका पालन नहीं कर रही है.
मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है, लेकिन पंचायत मंत्री के बयान से यह साफ हो गया है कि चुनाव आयोग के निर्देश सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जायेंगे. वास्तविक रूप से इसका कभी पालन नहीं किया जायेगा.