पाकिस्तान में 5 आतंकवादियों की फांसी पर लगी रोक हटायी

लाहौर. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सेना के शिविर पर हमला करने के मामले मेें दोषी करार दिये जा चुके पांच आतंकवादियों की मौत की सजा की तामील पर लगी रोग को आज हाईकोर्ट ने हटा लिया. लाहौर हाईकोर्ट की रावलपिंडी खंडपीठ के न्यायमूर्ति अरशद महमूद तबस्सुम ने सरकार की याचिका स्वीकार कर ली और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 8:02 PM

लाहौर. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सेना के शिविर पर हमला करने के मामले मेें दोषी करार दिये जा चुके पांच आतंकवादियों की मौत की सजा की तामील पर लगी रोग को आज हाईकोर्ट ने हटा लिया. लाहौर हाईकोर्ट की रावलपिंडी खंडपीठ के न्यायमूर्ति अरशद महमूद तबस्सुम ने सरकार की याचिका स्वीकार कर ली और सेना के शिविर पर हमला करने वाले पांच आतंकवादियों की मौत की सजा पर लगी रोक हटा ली. इन लोगों को मुल्तान जिले में आइएसआइ के कार्यालय और झेलम जिले में चेनाब नदी के निकट सेना के शिविर पर हमले का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी. एक सैन्य अदालत ने उमर नदीम, अहसन अजीम, आमिर यूसुफ, आसिफ इदरीस और कामरान को मौत की सजा सुनाई थी। ये लोग लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद हैं. कोट लखपत जेल के अधीक्षक असद वारियाच ने कहा, ”उन लोगों की मौत की सजा से संबंधित वारंट जारी कर दिया गया है और इन्हें कभी भी फांसी दी जा सकती है.” संघीय सरकार की पैरवी कर रहे कानूनी अधिकारी साजिद इलियास भट्टी ने फांसी पर लगी रोक के खिलाफ दलील पेश की. कानूनी अधिकारी और दोषियों के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने फांसी पर लगी रोक हटा ली और इनकी सजा की तामील को मंजूरी दे दी. पेशावर स्थित सैनिक स्कूल पर तालिबान के जघन्य हमले के बाद नवाज शरीफ सरकार ने फांसी की सजा पर बीते छह साल से लगी रोक को हटाने का फैसला किया। था। इसके बाद से अब तक छह आतंकवादियों को फांसी दी जा चुकी है.

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