गीताश्री का सुब्रत ने किया समर्थन
-कहा, अहिंसात्मक आंदोलन का उदाहरण पेश कियाकोलकाता. राज्य के पंचायत मंत्री व वरिष्ठ तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी ने यादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों से उपाधि लेने से इनकार करने वाली छात्रा गीताश्री का समर्थन किया है. श्री मुखर्जी ने कहा कि गीताश्री ने अहिंसात्मक ढंग से विरोध किया है. मारपीट या […]
-कहा, अहिंसात्मक आंदोलन का उदाहरण पेश कियाकोलकाता. राज्य के पंचायत मंत्री व वरिष्ठ तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी ने यादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों से उपाधि लेने से इनकार करने वाली छात्रा गीताश्री का समर्थन किया है. श्री मुखर्जी ने कहा कि गीताश्री ने अहिंसात्मक ढंग से विरोध किया है. मारपीट या हिंसात्मक आचरण नहीं किया है. हिंसात्मक ढंग से विरोध करना अन्याय है. गीताश्री का विरोध अहिंसात्मक आंदोलन के लिए उदाहरण है. उन्होंने कहा कि कोई इसे गलत या सही करार दे सकता है, लेकिन उनकी दृष्टि से यह अहिंसात्मक आंदोलन के लिए उदाहरण है. यह एक नयी तरह का विरोध प्रदर्शन है. उल्लेखनीय है कि गीताश्री ने यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस अत्याचार व कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती के इस्तीफे की मांग पर दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल के हाथों उपाधि देने से इनकार कर दिया था. श्री मुखर्जी के बयान पर जूटा की महासचिव नीलांजन गुप्त ने कहा कि गीताश्री व अन्य छात्रों द्वारा उपाधि लेने से इनकार करना आंदोलन को एक नया रूप दिया है. किसी को भी शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार है. उन लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया था और छात्रों ने भी किसी को डिग्री नहीं लेने के लिए बाध्य नहीं किया था. ऐसी स्थिति में सुब्रत मुखर्जी का यह बयान काफी संतोषपूर्ण है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार के कुछ लोग तो कम से कम उन लोगों की बातों को समझ रहे हैं. वे लोग क्यों विरोध कर रहे हैं. इसकी प्रासंगिकता को समझ रहे हैं.