कुणाल को पागल करार देने की साजिश!

प्रेसिडेंसी जेल में मनोवैज्ञानिक व मनोरोग विशेषज्ञों ने की जांच कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद व सारधा घोटाला मामले में गिरफ्तार कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उन्हें मानसिक रोगी साबित करना चाहती है. शुक्रवार सुबह प्रेसिडेंसी जेल में कैद श्री घोष को देखने के लिए मनोवैज्ञानिक व मनोरोग विशेषज्ञों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:23 AM
प्रेसिडेंसी जेल में मनोवैज्ञानिक व मनोरोग विशेषज्ञों ने की जांच
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद व सारधा घोटाला मामले में गिरफ्तार कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उन्हें मानसिक रोगी साबित करना चाहती है. शुक्रवार सुबह प्रेसिडेंसी जेल में कैद श्री घोष को देखने के लिए मनोवैज्ञानिक व मनोरोग विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम पहुंची. इस पर श्री घोष ने क्षोभ जताया.
कुणाल घोष ने असंतोष जताते हुए कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर साजिश के तहत उन्हें हताश और मानसिक रोगी साबित करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए उनके नहीं चाहते हुए भी उनकी मानसिक स्थिति की जांच के लिए चिकित्सकों को भेजा जा रहा है. शुक्रवार की सुबह लगभग 10.30 बजे एसएसकेएम अस्पताल के तीन चिकित्सक प्रेसिडेंसी जेल पहुंचे. जेल सूत्रों के अनुसार चिकित्सकों ने उनके रक्तचाप, घुटने के दर्द आदि की जानकारी ली.
उसके बाद मनोवैज्ञानिक व मनोरोग विशेषज्ञ उनकी जांच करने पहुंचे. इस पर श्री घोष ने रोष जताया. इस मौके पर प्रेसिडेंसी जेल के चिकित्सक गणोश माइती व पीके घोष भी उपस्थित थे. इसी समय श्री घोष ने एसएसकेएम अस्पताल में परिवहन मंत्री मदन मित्र के उपचार को लेकर चिकित्सकों को इंगित करते हुए कहा कि वह ‘पीजी जैसे गौरवशाली अस्पताल’ को शर्मसार नहीं होने देंगे. उधर, एसएसकेएम से मिली जानकारी के अनुसार तीन चिकित्सक उनकी साइकोपैथी काउंसिलिंग कर रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों को कुणाल घोष में मानसिक रोगी जैसे कुछ भी लक्षण नहीं दिखे, फिर भी उन्होंने जेल अधिकािरयों को श्री घोष को अकेले रखने को लेकर सतर्क किया.
बयानों को गलत करार देने की कोशिश : राजनीतिक विेषक
इस बीच, राजनीतिक विेषकों का कहना है कि राज्य सरकार कुणाल घोष के विरोधी तेवर की वजह से बदले की कार्रवाई के तहत उन्हें मानसिक रोगी साबित करने पर तुली हुई है. राज्य सरकार चाहती है कि कुणाल घोष को मानसिक रोगी करार देकर उनके बयानों को अदालत में बेकार साबित किया जा सके. गौरतलब है कि कुणाल घोष ने जेल में ही आत्महत्या करने की कोशिश की थी.
लगा चुके हैं ममता सहित तृणमूल के दिग्गज नेताओं पर गंभीर आरोप
कुणाल घोष ने सीएम ममता बनर्जी, तृणमूल महासचिव मुकुल राय व परिवहन मंत्री मदन मित्र पर सारधा कांड में शामिल होने का आरोप लगाया था. श्री घोष ने दुर्गा पूजा के दौरान आरोप लगाया था कि वह जेल में बैठ कर ढाक की आवाज सुन रहे हैं, जबकि मामले में सबसे ज्यादा लाभान्वित होनेवाले पूजा मंडपों का उदघाटन कर रहे हैं. श्री घोष ने अनुरोध किया कि सारधा मामले में सबसे अधिक लाभान्वित ममता बनर्जी हुई हैं. उनसे सीबीआइ पूछताछ करे. गिरफ्तार होने के बाद से श्री घोष लगातार सत्तापक्ष के नेताओं व सीएम के खिलाफ बयान दे रहे हैं. इससे सरकार क्षुब्ध है.
श्री घोष मीडिया में बयान नहीं दे पायें, इसलिए अदालत में पेश किये जाने के दौरान उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. श्री घोष ने 24 दिसंबर को न्यायाधीश अरविंद मिश्र को पत्र लिख कर सारधा मामले में गिरफ्तार मदन मित्र को एसएसकेएम में मोबाइल के इस्तेमाल करने व लोगों से मिलने की सुविधा देने पर सवाल उठाया था. एसएसकेएम के चिकित्सकों की भी भूमिका पर संदेह जताया था.

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