पुस्तक प्रकाशन पर स्थगन आदेश जारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए आठ पुस्तकों के प्रकाशन की समस्या सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है. मामले को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने हाइकोर्ट से और एक दिन का समय मांगा है. राज्य के एडवोकेट जनरल के आवेदन को स्वीकार करते हुए […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए आठ पुस्तकों के प्रकाशन की समस्या सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है. मामले को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने हाइकोर्ट से और एक दिन का समय मांगा है. राज्य के एडवोकेट जनरल के आवेदन को स्वीकार करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने राज्य को एक दिन का समय दे दिया है. अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी, लेकिन राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुस्तक प्रकाशन की निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जिस कंपनी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है, वह राज्य सरकार के साथ किसी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं है.
ऐसे में अगर हाइकोर्ट निविदा प्रक्रिया को रद्द करता है, तो नये सिरे से निविदा आमंत्रित करने व उसके बाद पुस्तक प्रकाशित करने में लगभग और एक महीने का समय लग सकता है. ऐसे में 11वीं कक्षा के छात्रों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को राज्य के एडवोकेट जनरल के कार्यालय में याचिकाकर्ता व अन्य आवेदक कंपनियों को लेकर बैठक शुरू हुई. इस बैठक के दौरान परिषद की ओर से कुल प्रकाशित होनेवाली किताबों की संख्या का बंटवारा करने का सुझाव दिया गया, लेकिन याचिकाकर्ता कंपनी ओरिएंटल ब्लैक स्वान प्राइवेट लिमिटेड इस पर राजी नहीं हुई.
गौरतलब है कि पुस्तकों के प्रकाशन के लिए आमंत्रित की गयी निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी को देखते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जो अभी भी जारी है.