कोलकाता: राज्य में आरएसएस की शाखाओं की बढ़ती संख्या व हाल में छात्र चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जीत पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जतायी है. सुश्री बनर्जी ने पार्टी नेताओं से दोनों संगठनों की गतिविधियों पर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
ममता बनर्जी राज्य में भाजपा की बढ़ती शक्ति पर भी चिंता जताते हुए मुकाबले की रणनीति बनाने में जुट गयी हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य में संघ की शाखाओं की संख्याएं वर्ष 2012 में 840 थी, जो 2014 में बढ़ कर 1480 हो गयी है. इसमें 33 फीसदी का इजाफा हुआ है.
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार राज्य में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों के उत्थान से धर्म के नाम पर एकजुटता हो सकती है. हाल में जम्मू-कश्मीर के चुनाव में यह स्पष्ट रूप से दिखायी दिया है. तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि राज्य में हिंदू व मुसलिम पीढ़ियों से आपसी सद्भाव से रह रहे हैं. पार्टी नहीं चाहती है कि उनके बीच कोई मतभेद पैदा हो.
उल्लेखनीय है कि विश्व हिंदू परिषद की स्वर्ण जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शहीद मीनार मैदान में एक सभा की थी. सभा में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत के अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख संरक्षक अशोक सिंघल तथा वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगड़िया ने संबोधित किया था. यह सभा राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना गयी, क्योंकि राज्य की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सारधा चिटफंड घोटाले में फंसे हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सभा भाजपा व संघ परिवार की 2016 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोची-समझी योजना थी. उनकी योजना साफ है कि वे धर्म के नाम पर राज्य की जनता को विभाजित करना चाहते हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुलतान अहमद का कहना है कि भाजपा केंद्र में सुशासन के नाम पर सत्ता पर आयी है, लेकिन अब उनका असली चरित्र जनता के सामने आ रहा है. हाल में एबीवीपी ने छात्र संसद के चुनाव में तृणमूल छात्र परिषद के पराजित करते हुए पुरुलिया के कॉलेज में जीत हासिल की है.
पुरुलिया के कॉलेज में जीत से चिंतित मुख्यमंत्री ने पुरुलिया जिले के तृणमूल नेता शांतिराम महतो को तलब किया तथा उनसे रिपोर्ट ली है.
उल्लेखनीय है कि 2013 में बंगाल के विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में एबीवीपी की मात्र 60 इकाई थी, लेकिन इस वर्ष इनकी संख्या बढ़ कर 325 हो गयी है. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मुख्यमंत्री पूरी स्थिति से अवगत हैं, पार्टी राज्य के लोगों को धर्म के नाम पर विभाजित होने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगायेगी. दूसरी ओर, आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक के अनुसार राज्य में आरएसएस के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. लोग आरएसएस की शाखाओं में शामिल होने के प्रति उत्सुकता दिखा रहे हैं. संगठन भी इसे लेकर सचेत है.