कोलकाता: राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी भारतीयों की प्राण भाषा है. श्री त्रिपाठी सोमवार को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी पहचान है.
यह हमारे अभिमान और स्वाभिमान की भाषा है. हिंदी पर चोट भारतीयता पर चोट है, लेकिन हिंदी के साथ न्याय नहीं हुआ है. वह राजनीति का शिकार हो गयी है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय हिंदी को विश्व भाषा बनाने में समर्थ होगा.
उन्होंने विदेशों में हिंदी से जुड़े अपने कई अनुभव भी सुनाये. राज्यपाल ने अपनी चुनिंदा क विताओं अत्यंत प्रभावी ढंग से पाठ किया. जाने माने गायक ओमप्रकाश मिश्र ने राज्यपाल की छह कविताओं . मन तेरे बिन माने ना.., जिंदगी बहुत बड़ी नदी.., बंद वातायण सभी खुल जायेंगे.., लोग आ गया विहान.., बंदे मातरम हम गायेंगे.., और बूढ़ों में भी बचपन होता है.., की संगीतिज्ञ प्रस्तुति की. श्री मिश्र ने केशरीनाथ त्रिपाठी के कुछ दोहे भी गाकर सुनाये.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए ब्रिटेन से आये वरिष्ठ कवि-कथाकार डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय हिंदी को ग्लोबल भाषा बनाने की दिशा में जो काम कर रहा है, वह शलाघा का विषय है. समारोह के विशिष्ट अतिथि सूर्यप्रकाश तिवारी ने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय का कोलकाता केंद्र डॉ.कृपा शंकर चौबे के नेतृत्व में प्रतिकूलताओं में भी आगे बढ़ रहा है. इजेडसीसी के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश भारती ने कहा कि इजेडसीसी और हिंदी विश्वविद्यालय मिल कर कई दिशाओं में महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं.
मंच पर आसीन अतिथियों का सम्मान जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्ता नवनीत पांडेय, टीवी पत्रकार विक्रांत दूबे, प्रोफेसर अमरनाथ, शंभुदत्त सती, हिंदी विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. चित्र माली, डॉ. अनुजा सुप्रिया, अधिवक्ता विनोद सिंह ने सूत की माला पहना कर और अंग वस्त्रम ओढ़ा कर किया. कार्यक्रम का संचालन हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र के प्रभारी डॉ. कृपाशंकर चौबे ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई और समापन गांधीजी के प्रिय भजन वैष्णव जन. से. जिसे हिंदी विश्वविद्यालय की छात्रओं : सोनी कुमारी सिंह, प्रीति साव, ज्योति केसरी, प्रीति राय, नेहा चौधरी, सरिता कुमारी साव, अंशु सिंह, पिंकी उपाध्याय व नीरू कुमारी सिंह ने संगीतकार देवयानी मुखर्जी के निर्देशन में प्रस्तुत किया. स्वागत भाषण कोलकाता केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित राय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश त्रिपाठी ने किया.