चार उग्रवादी संगठनों ने मिलाया हाथ
जलपाईगुड़ी: पूर्वोत्तर भारत के चार उग्रवादी संगठनों ने आपस में हाथ मिला लिया है. इनलोगों ने मिलकर संयुक्त संगठन संयुक्त मुक्ति वाहिनी का गठन किया है और आंदोलन की धमकी दी है. इनकी ओर से 20 जनवरी की रात से 26 जनवरी की शाम साढ़े पांच बजे तक पूर्वोत्तर राज्यों सहित उत्तर बंगाल के कामातापुर […]
जलपाईगुड़ी: पूर्वोत्तर भारत के चार उग्रवादी संगठनों ने आपस में हाथ मिला लिया है. इनलोगों ने मिलकर संयुक्त संगठन संयुक्त मुक्ति वाहिनी का गठन किया है और आंदोलन की धमकी दी है. इनकी ओर से 20 जनवरी की रात से 26 जनवरी की शाम साढ़े पांच बजे तक पूर्वोत्तर राज्यों सहित उत्तर बंगाल के कामातापुर प्रभावित इलाकों में बंद का आह्वान किया है.
संयुक्त मुिक्त वाहिनी ने उत्तर बंगाल को स्वघोषित कामतापुर व पूर्वोत्तर के राज्यों को ‘वेस्टर्न साउथ ईस्ट असम रिजन’ के नाम से उल्लेख किया है. संयुक्त मुक्ति वाहिनी में को-ऑर्डिनेशन कमेटी (कॉरकॉन), हाइन्यूट्रेन नेशनल लिबरेशन काउंसिल, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के अलावा कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (केएलओ) शामिल है. संयुक्त मुक्ति वाहनी के पत्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व भारत में ये उग्रवादी संगठन सरकार के साथ बातचीत व युद्ध विराम जैसे विषय पर विश्वास नहीं करते है. उत्तर-पूर्व भारत में अवैध घुसपैठियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों ने घुसपैठियों को निजी वोट बैंक बना कर उत्तर-पूर्वाचल के मूल निवासियों को वंचित कर रहे हैं. साथ ही सेना व पुलिस के जरिये स्थानीय लोगों पर दमन व शोषण की राजनीति चलायी जा रही है.
संयुक्त मुक्ति वाहनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसमें कहा गया है कि यह संगठन भारत की स्वतंत्रता को नही मानती है. इसलिए 25 जनवरी की रात एक बजे से 26 जनवरी की शाम 5.30 बजे तक बंद बुलाया गया है. आपतकालीन सेवा, मीडिया व धार्मिक उत्सवों को बंद से परे रखने की घोषणा भी वाहिनी की ओर से की गयी. भारत के गणतंत्र दिवस का इन उग्रवादी संगठनों द्वारा हमेशा से ही विरोध किया जाता है. इसलिए आशंका है कि सेना अभियान के बीच में ही 26 जनवरी के भीतर बोडो उग्रवादियों द्वारा किसी आतंकी साजिश की जा सकती है.