अंहकार दूर करते हंै भगवान: पं. ताराचंद शास्त्री
फोटो है हावड़ा. ईश्वर की हर लीला एक महत्वपूर्ण संदेश देती है. उनकी हर लीला मानव मात्र के कल्याण के लिए होती है. ये उद्गार मंगलवार को बंगेश्वर महादेव (नया मंदिर) में भागवत भक्ति ज्ञानयज्ञ के पांचवें दिन वृंदावन से पधारे पं. ताराचंदजी शास्त्री महाराज ने कथा प्रवचन करते हुए कहीं. आज कथा प्रसंग के […]
फोटो है हावड़ा. ईश्वर की हर लीला एक महत्वपूर्ण संदेश देती है. उनकी हर लीला मानव मात्र के कल्याण के लिए होती है. ये उद्गार मंगलवार को बंगेश्वर महादेव (नया मंदिर) में भागवत भक्ति ज्ञानयज्ञ के पांचवें दिन वृंदावन से पधारे पं. ताराचंदजी शास्त्री महाराज ने कथा प्रवचन करते हुए कहीं. आज कथा प्रसंग के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मर्म स्पर्शी वर्णन करते हुए पं. शास्त्री ने कहा कि भगवान कृष्ण नेे बाल्यावस्था में ही अपनी अद््भुद लीलाओं के माध्यम से बड़े-बड़े असुरों का वध कि या. गिरिराज भजन की कथा के प्रसंग में उन्होंने कहा कि इंद्र के अहंकार को दूर कर शरणगात को तारते हैं. उनके समाने किसी का भी अहम नहीं चल सकता. अगर हमें ईश्वर की कृपा पानी है तो निर्मल मन से उनका सुमिरन करना होगा. कथा यजमान किशन लाल चौमाल ने बताया कि कथा के छठें दिन महारास की कथा, कंस वध, मथुरा गमन व रुक्मिणी विवाह के प्रसंग पर दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक प्रवचन होगा. कथा समापन नववर्ष 2015 के प्रथम दिन 1 जनवरी को होगा.