मोदी का शासन आपातकाल से भी बदतर है : ममता बनर्जी

खड़गपुर: पार्टी में बढ़ती गुटबाजी और कुछ नेताओं द्वारा व्यक्तिगत रूप से विचार व्यक्त करने से परेशान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कड़ी चेतावनी दी और उन्हें याद दिलाया कि कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 5:52 AM

खड़गपुर: पार्टी में बढ़ती गुटबाजी और कुछ नेताओं द्वारा व्यक्तिगत रूप से विचार व्यक्त करने से परेशान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कड़ी चेतावनी दी और उन्हें याद दिलाया कि कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है.

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में देश की स्थिति आपातकाल से भी बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बंगाल में भूमि अधिग्रहण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लागू नहीं करेगी.

ममता ने लोगों से अपील की कि वे उस काले अध्यादेश को जला डालें, जिसे मोदी की कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दी है. ममता ने कहा कि मेरी लाश पर मोदी का भूमि अधिग्रहण कानून लागू होगा.

उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा : हम पार्टी विरोधी किसी गतिविधि को कतई स्वीकार नहीं करेंगे. यदि पार्टी नहीं तो व्यक्ति भी नहीं. ममता बनर्जी की कड़ी प्रतिक्रिया कुछ नेताओं द्वारा हाल ही में कुछ मुद्दों पर अलग-अलग राय व्यक्त करने और कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में गुटबाजी की खबरों की वजह से आयी है.

तृणमूल सांसद सुगत बोस ने हाल ही में कहा था : वित्तीय घोटाले (सारधा चिटफंड घोटाला) में दोषियों, चाहे जो भी हों, को कानूनी प्रक्रिया के जरिये इंसाफ के कठघरे में लाया जाये, क्योंकि गरीब लोग ठगे गये हैं. एक बार फिर उन्होंने प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा था कि लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए, क्योंकि अदालत सही निर्णय लेती है.

श्री बोस के इस बयान से पार्टी की किरकिरी हुई, क्योंकि ये ऐसे समय में आये, जब तृणमूल सुप्रीमो ने सारधा घोटाले में परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले का नतीजा बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार और सीबीआइ के खिलाफ कड़ा हमला किया. ममता ने अपने सांसदों को हाल ही संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र में काली पट्टी और काला शॉल ओढ़ कर विरोध दर्ज कराने को कहा था. तृणमूल इसके अलावा भी कई ऐसी गतिविधियों से दो-चार हुई और उससे वह असहज स्थिति में आयी.

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