सारधा: नये साल में सीबीआइ कर सकती है नया धमाका
कोलकाता: सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा ने बुधवार को सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में शहर के कारोबारी अरुण पोद्दार से पूछताछ की. सीबीआइ ने लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले पेंटर शुभप्रसन्न और पोद्दार के बीच हुए व्यापारिक […]
कोलकाता: सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा ने बुधवार को सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में शहर के कारोबारी अरुण पोद्दार से पूछताछ की. सीबीआइ ने लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले पेंटर शुभप्रसन्न और पोद्दार के बीच हुए व्यापारिक लेन-देन के बाबत उनसे पूछताछ की गयी.
उधर, सूत्रों के मुताबिक सारधा के मीडिया से संबंधित सौदों में तृणमूल कांग्रेस के सांसद और कद्दावर नेता की भूमिका की बात कई लोगों ने जांच एजेंसियों की पूछताछ में स्वीकार की की है. ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआइ सांसद को पूछताछ के लिए अगले सप्ताह बुला सकती है.
सारधा कंपनी के मीडिया से संबंधित सौदों को लेकर पेंटर शुभप्रसन्न भी सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की जांच के दायरे में हैं. पोद्दार ने कथित तौर पर अपनी कंपनी शुभप्रसन्ना को बेची थी और बदले में पेंटर ने उस कंपनी को सारधा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन को बेच दी थी. इडी ने पहले सुदीप्त सेन के साथ व्यापारिक समझौतों को लेकर शुभप्रसन्न से पूछताछ की थी. इडी ने उनके बयान और सेन को बेची गयी कंपनी की खाता-पुस्तिकाओं में गड़बड़ियां पायी थीं. पेंटर ने इडी को कुछ दस्तावेज भी सौंपे थे.
सारधा के सिलीगुड़ी स्थित स्कूल के लिए प्रशासक नियुक्त: सारधा के सिलीगुड़ी स्थित एक स्कूल के लिए बुधवार को इडी की तरफ से प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेटर) नियुक्त किया गया. सिलीगुड़ी में सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन ने लिंकन नाम से एक उच्च माध्यमिक स्कूल खरीदा था. सुदीप्त की गिरफ्तारी के बाद इस स्कूल के नियंत्रण को लेकर बुधवार को स्कूल के शिक्षक इडी अधिकारियों से मिलने कोलकाता आये थे. काफी देर तक उनसे बातचीत के बाद इडी की तरफ से जांच एजेंसी के अधिकारी को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया. उसी की देखरेख में अब स्कूल चलेगा. स्कूल की आय से ही शिक्षकों को वेतन दिया जायेगा.
शुभप्रसन्ना से जांच एजेंसी फिर कर सकती है पूछताछ
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, अरुण पोद्दार ने देब कृपा व्यापार प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी खोली थी. जिसके तहत ऐखोन समय चैनल की शुरुआत करने की उनकी योजना थी. बाद में उन्होंने शुभप्रसन्ना को इस चैनल को बेच दिया था. इसी चैनल का हस्तांतरण बाद में सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन को किया गया. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि अरुण पोद्दार से पूछा गया कि कितने रुपये में उन्होंने अपनी कंपनी देबकृपा व्यापार प्राइवेट लिमिटेड शुभप्रसन्ना को बेची थी. कथित तौर पर शुभप्रसन्ना ने एक बड़ी रकम लेकर यह कंपनी सुदीप्त सेन को बेच दी थी. सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि पूछताछ में अरुण पोद्दार से मिली जानकारी शुभप्रसन्ना से हासिल आंकड़े से अलग है. लिहाजा दोनों को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की जा सकती है. सीबीआइ अधिकारियों को अरुण पोद्दार ने चैनल हस्तांतरण से संबंधित कुछ कागजात भी सौंपे है, जिसकी जांच की जा रही है. अधिकारियों की मानें तो अरुण पोद्दार के बयान के बाद जल्द ही सीबीआइ फिर से शुभप्रसन्ना को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
पांच आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ी
सारधा रियलटी से संबंधित मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को बुधवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने सभी की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी. सारधा रियलटी मामले में संधीर अग्रवाल, रजत मजूमदार व देबब्रत सरकार को बुधवार को अदालत में पेश किया गया था, जबकि अस्वस्थ होने के कारण सृंजय बोस व सदानंद गोगोई की कागजी तौर पर पेशी हुई. सृंजय बोस की तरफ से जमानत की याचिका दायर की गयी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
सिलीगुड़ी में देवयानी की पेशी. चिटफंड घोटाला मामले में मुख्य अभियुक्त सुदीप्त सेन की प्रमुख सहयोगी देवयानी मुखर्जी को बुधवार को एक मामले में सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. उसे एसीजेएम एचएमए रहमान के कोर्ट में पेश किया गया.
वहीं इस मामले की सुनवाई हुई. कुछ दिनों पहले ही इसी मामले में सुदीप्त सेन की भी पेशी हुई थी. देवयानी की भी उसी दिन पेशी होनी थी लेकिन एक दूसरे मामले में उसकी पेशी कालिम्पोंग के अदालत में हुई. इन दोनों के खिलाफ अप्रैल 2013 में सिलीगुड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ था.इससे पहले भी देवयानी की सिलीगुड़ी अदालत में पेशी हो चुकी है.