कोलकाता: एटक समर्थित टैक्सी संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने राज्य के परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को अल्टीमेटम देते हुए 28 व 29 जनवरी को दो दिवसीय टैक्सी हड़ताल की घोषणा की.
कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि उनलोगों का एक प्रतिनिधिमंडल परिवहन सचिव से मुलाकात 29 दिसंबर को किया था. परिवहन सचिव ने दो सप्ताह का समय मांग कर परिवहन व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि वे लोग दो सप्ताह से लेकर तीन सप्ताह तक इंतजार करेंगे. यदि टैक्सी चालकों के हित में कोई फैसला नहीं लिया गया, तो वे लोग हड़ताल के लिए बाध्य होंगे.
बंगाल टैक्सी एसोसिएशन ने किया हड़ताल का विरोध
दूसरी तरफ बंगाल टैक्सी एसोसिएशन (बीटीए), कोलकाता टैक्सी एसोसिएशन तथा वेस्ट बंगाल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन ने एटक समर्थित टैक्सी यूनियनों की हड़ताल का विरोध किया है. बीटीए के महासचिव विमल गुहा ने कहा कि वे लोग बार-बार हड़ताल बुलाने का समर्थन नहीं करेंगे तथा पूरी शक्ति से हड़ताल का विरोध करेंगे. उस दिन टैक्सी सड़क पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि परिवहन सचिव ने आश्वासन दिया है कि टैक्सी वेटिंग चार्ज 1.20 रुपये से बढ़ा कर 2.40 रुपये किया जायेगा. इसके लिए इंतजार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बार-बार हड़ताल ठीक नहीं है. सड़क पर उतर कर टैक्सी चालक हड़ताल का जवाब देंगे.
टैक्सी चालक देंगे जवाब : नवल किशोर
दूसरी ओर, कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्सी हड़ताल के विरोध का जवाब टैक्सी चालक देंगे. बीटीए नेतृत्व टैक्सी आंदोलन से अलग-थलग पड़ गया है. वे लोग लगातार टैक्सी चालकों के हित में आंदोलन कर रहे हैं.
टैक्सी चालकों पर नो रिफ्यूजल के नाम पर 3000 से 5000 रुपये फाइन लादा जा रहा है. बिना वजह के केस लादे जा रहे हैं.
सरकार मांगें नहीं मान रही है. ऐसी स्थिति में हड़ताल के सिवा और कोई विकल्प नहीं है. जनतंत्र में समर्थन और विरोध करने का सभी को अधिकार है.
वाममोरचा के शासन में बीटीए कितनी बार हड़ताल बुलायी है. इसका जवाब बीटीए को देना चाहिए. सड़क पर उतर कर जवाब देने के बयान पर श्री श्रीवास्तव ने बताया कि बीटीए के बयान से साफ है कि वह सरकार का पक्ष ले रही है तथा टैक्सी चालकों के हित में नहीं काम कर रहा है.