राज्य में मिड डे मील की हो रही जांच

कोलकाता : बिहार के छपरा में हुई घटना के बाद राज्य सरकार की आंखों की नींद भी खुल गयी है. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य सरकार ने छह संस्थाओं का चयन किया है. ये संस्थाएं विभिन्न जिलों में अपने अभियान में भी जुटी गयी हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2013 4:06 AM

कोलकाता : बिहार के छपरा में हुई घटना के बाद राज्य सरकार की आंखों की नींद भी खुल गयी है. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य सरकार ने छह संस्थाओं का चयन किया है.

ये संस्थाएं विभिन्न जिलों में अपने अभियान में भी जुटी गयी हैं. इनमें कलकत्ता यूनिवर्सिटी, यादवपुर यूनिवर्सिटी, विश्व भारती यूनिवर्सिटी, अमर्त्य सेन की प्रतिचि ट्रस्ट, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अंतर्गत नेशनल न्यूट्रीशन मॉनिटरिंग बोर्ड अनुराधा तलवार की जन संस्कृति केंद्र शामिल हैं.

यादवपुर, कलकत्ता विश्वभारती यूनिवर्सिटी चारचार जिलों में जांच कर रही है. वहीं, नेशनल न्यूट्रीशन मॉनिटरिंग बोर्ड सिर्फ उत्तर दिनाजपुर के स्कूलों की निगरानी कर रही है.

प्रतिचि ट्रस्ट के संयोजक कुमार राणा ने कहा कि बिहार की घटना के बाद से यह साफ हो गया है कि भोजन की जांच करने की पद्धति में बदलाव करना होगा.

उन्होंने कहा कि पुरुलिया जिले में भी मिड डे मील खाकर बच्चे अक्सर बीमार होते हैं, क्योंकि वहां पानी की समस्या है. लेकिन बिहार जैसी स्थिति नहीं होती. मिड डे मील प्रोग्राम की जांच करनेवाले मानवेश सरकार ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राय: 97 फीसदी स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था, जबकि शहरी क्षेत्रों में अब तक मात्र 31 फीसदी स्कूलों में यह व्यवस्था हो पायी है.

प्रतिचि ट्रस्ट ने कोलकाता, मुर्शिदाबाद, मालदा जलपाईगुड़ी में सर्वे का काम पूरा कर लिया है और सितंबर तक राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी जायेगी. अन्य पांच संस्थाएं भी लगभग इसी समय अपनी रिपोर्ट जमा करेंगी.

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