पढ़ाई से ज्यादा संस्कार जरूरी : मुरलीधरजी

फोटो नं. 346, 352कोलकाता. भगवान श्रीराम के दर्शन करने की इच्छा सभी के मन में है लेकिन हनुमानजी की अनुमति बिना यह संभव नहीं है. संकट से उबरने के लिए हनुमानजी का स्मरण जरूरी है. नागरिक स्वास्थ्य संघ की ओर से आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मोहनलाल दुजारी की स्मृति में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 10:03 PM

फोटो नं. 346, 352कोलकाता. भगवान श्रीराम के दर्शन करने की इच्छा सभी के मन में है लेकिन हनुमानजी की अनुमति बिना यह संभव नहीं है. संकट से उबरने के लिए हनुमानजी का स्मरण जरूरी है. नागरिक स्वास्थ्य संघ की ओर से आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मोहनलाल दुजारी की स्मृति में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा के दूसरे दिन संत श्री मुरलीधरजी महाराज (जोधपुर) ने आज कहा कि आदमी के पास रुपया भी है और शरीर भी. लेकिन इससे भगवान का दर्शन होना असंभव है. इसके लिए भक्ति चाहिए. इससे सफलता मिलती है. मुरलीधरजी ने कहा कि हर क्षण भगवान का स्मरण करते रहना चाहिए. जैसा हनुमानजी का श्रीराम के प्रति है. हनुमानजी को अतुलित वरदान मिला हुआ है. शिव पार्वती के सम्मिलित अवतार हैं श्री हनुमानजी. व्यस्त समय में से कुछ समय निकाल कर हनुमानजी का स्मरण करोगे तो भगवान श्रीराम अपने आप प्रसन्न हो जायेंगे. महाराजश्री ने कहा कि बच्चों के बचपन को हम न छीने. बच्चों को पढ़ाये जरूर, पर ध्यान रहे कि पढ़ाई से ज्यादा संस्कार जरूरी है. हमारा उद्देश्य बच्चों को इंसान बनाने का होना चाहिए. यदि हमारे घर कोई संत या महात्मा आये तो सबसे पहले उनके पांव पखारे, भोजन करावें और अंत में भेंट दें ं. आज की कथा के मुख्य यजमान श्रीमती सरोज- प्रमोद गाडिया ने माव व व्यास पीठ का पूजन किया. पं.लक्ष्मीकांत तिवारी, पार्षद विजय ओझा, मुकुंद राठी, श्याम भक्त कमला मौसी, कमला देवी कांकरिया, मीरा अग्रवाल, गायत्री राठी, बीना अग्रवाल, विजय लक्ष्मी लाखोटिया आदि ने महाराजजी का माल्यार्पण कर स्वागत किया. संयोजक महावीर प्रसाद रावत ने संचालन किया.

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