उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान बंगाल में कुल 2.43 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया है. यह दो दिवसीय सम्मेलन भले ही बुधवार को खत्म हो गया, लेकिन इसका प्रभाव बंगाल पर आनेवाले समय में पड़ेगा. इस सम्मेलन को सफल करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहतरीन रहा और इसे सफल बनाने के लिए वह उद्योगपतियों को पांव छू कर प्रणाम कर रही हैं.
उन्हें सलाम करती हैं. उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान राज्य को लगभग 2.43 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. ये प्रस्ताव शिक्षा, स्वास्थ्य, खनन, इस्पात, बंदरगाह, शहरी बुनियादी ढांचा, खाद्य प्रसंस्करण, बिजली, एमएसएमइ, वित्तीय सेवाओं व पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की देश के किसी अन्य राज्य से तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि यह लंबे समय से कर्ज बोझ से दबा है.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद हमें किसी तरह की आर्थिक आजादी नहीं मिली थी, क्योंकि राज्य सरकार जो भी आमदनी करती थी, वह तो कर्ज चुकाने में चला जाता है. उन्होंने कहा कि हमने राजकोषीय अनुशासन के लिए राजकोषीय उत्तरदायित्व व बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून को लेकर प्रतिबद्धता जतायी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम राज्य के कर्ज बोझ को ध्यान में रख कर देखें, तो पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन न केवल देश बल्कि दुनिया में ‘नंबर वन’ रहा है. इसे साबित करने के लिए सबूत हैं.