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आतंकियों से मुकाबला करेगी एसआइआरबी

बंगाल में स्पेशलाइज्ड इंडियन रिजर्व बटालियन जल्द आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए गठन की तैयारी 685 जवान, इंजीनियरिंग के लिए 274 व मुख्यालय के लिए बनाये गये 148 पद वीरभूम या हरिणघाटा में हो सकता है मुख्यालय कोलकाता : राज्य में आतंकी हमले की बढ़ती आशंका को देखते हुए इससे मुकाबले के लिए […]

बंगाल में स्पेशलाइज्ड इंडियन रिजर्व बटालियन जल्द
आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए गठन की तैयारी
685 जवान, इंजीनियरिंग के लिए 274 व मुख्यालय के लिए बनाये गये 148 पद
वीरभूम या हरिणघाटा में हो सकता है मुख्यालय
कोलकाता : राज्य में आतंकी हमले की बढ़ती आशंका को देखते हुए इससे मुकाबले के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने नये बटालियन की स्थापना करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार द्वारा कई बार राज्य सरकार को आतंकी हमले की आशंका को लेकर सचेत किया गया है और यहां सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने का परामर्श दिया है.
इसके बाद ही राज्य सरकार ने विशेष बटालियन की स्थापना करने की कवायद शुरू कर दी है. इस बटालियन का नाम ‘स्पेशलाइज्ड इंडियन रिजर्व बटालियन’ रखा गया है. हालांकि बंगाल में पहले से ही माओवादी समस्या थी, लेकिन यहां स्पेशल फोर्स नहीं होने के कारण माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद ही केंद्र ने सभी राज्यों में एनएसजी का केंद्र खोलने को कहा था, लेकिन अभी तक बंगाल में एनएसजी के गठन को लेकर राज्य सरकार ने कोई तत्परता नहीं दिखायी है, लेकिन अक्तूबर 2014 में बर्दवान जिले के खगड़ागढ़ में हुए विस्फोट के बाद यहां आतंकी हमले की आशंका जतायी जा रही है.
इसलिए अब राज्य सरकार भी इस बटालियन की स्थापना को लेकर गंभीर हो गयी है. राज्य के गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस बटालियन में प्रथम नौ वर्ष का सभी प्रकार के खर्च का वहन केंद्र सरकार करेगी, यहां तक कि बटालियन के जवानों को प्रशिक्षण भी केंद्र सरकार द्वारा दी जायेगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी व अन्य केंद्रीय बलों के पास ही इस बटालियन के जवानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस बटालियन को आतंकी हमलों से निबटने के लिए पूर्ण रूप से दक्ष बनाया जायेगा, सेना की ट्रेनिंग के साथ ही सभी को इंजीनियरिंग का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वह किसी भी परिस्थिति में कार्य करने को सक्षम हों. राज्य सरकार ने इस बटालियन में प्रथम चरण में 1107 पदों का सृजन करने का फैसला किया है. प्राथमिक चरण में 685 जवानों को सुरक्षा का दायित्व सौंपा जायेगा, इंजीनियरिंग के लिए 274 व मुख्यालय के लिए 148 पद बनाये गये हैं.
जानकारी के अनुसार, वीरभूम या हरिणघाटा क्षेत्र में इस बटालियन का मुख्यालय तैयार किया जा सकता है. इसके लिए दोनों जिलों में जमीन देखी जा रही है. बताया जाता है कि इस बटालियन का सिर्फ राज्य सरकार ही नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार भी प्रयोग कर सकती है.

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