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सरकारी बाबुओं का डीए सात फीसदी बढ़ा

एक जनवरी 2015 से प्रभावी होगा सरकार पर 2100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ा कोलकाता : सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नवान्न भवन में सरकारी कर्मचारियों के डीए में सात फीसदी की वृद्धि की घोषणा की. सीएम ने कहा कि एक जनवरी 2015 से यह नया डीए लागू होगा. डीए में वृद्धि होने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2015 7:27 AM
एक जनवरी 2015 से प्रभावी होगा
सरकार पर 2100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ा
कोलकाता : सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नवान्न भवन में सरकारी कर्मचारियों के डीए में सात फीसदी की वृद्धि की घोषणा की. सीएम ने कहा कि एक जनवरी 2015 से यह नया डीए लागू होगा.
डीए में वृद्धि होने से राज्य सरकार पर करीब 2100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. राज्य में जब से तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में आयी है, तब से अब तक सरकारी कर्मचारियों के डीए में 30 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है. सिर्फ डीए तक की बढ़ोतरी होने से ही सरकार पर तीन वर्षो में 9000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा शासन के दौरान लिये गये ऋण के बावजूद सरकार आर्थिक तंगी की हालत में भी सरकारी कर्मचारियों का डीए बढ़ा रही है.
सरकार हर वर्ष 28 हजार करोड़ रुपये का ऋण चुका रही है. गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा डीए में सात फीसदी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच डीए का अंतर 49 फीसदी से कम होकर 42 फीसदी हो गया है.
केंद्र व अन्य राज्यों के साथ बंगाल की तुलना नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीए बढ़ाने या विकास के संबंध में केंद्र सरकार या देश के अन्य राज्य जैसे गुजरात व महाराष्ट्र के साथ पश्चिम बंगाल की तुलना नहीं की जा सकती है. बंगाल में भले ही तृणमूल कांग्रेस को राजनीतिक आजादी मिली है, लेकिन आर्थिक रूप से राज्य सरकार के हाथ बंधे हुए हैं.
केंद्र सरकार द्वारा हमेशा ही चुनाव के पहले डीएकी घोषणा की जाती है, लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती है. रही बात गुजरात की तो, गुजरात का विकास 20 वर्ष पहले ही हो चुका है और महाराष्ट्र पूरे देश की आर्थिक राजधानी है. उतना पैसा या आमदनी बंगाल सरकार की नहीं है. वहीं, केंद्र सरकार की तुलना में राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास रुपये छापने की मशीन नहीं है.
यह केंद्र सरकार के पास है, इसलिए केंद्र जब चाहे, इसे बढ़ा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब भी अपने कर्मचारियों के लिए डीए में वृद्धि की घोषणा करती है, तो उस समय केंद्र को राज्य सरकार को भी फंड देना चाहिए, ताकि वह भी कर्मचारियों का डीए उनके अनुसार बढ़ा सके. राज्य के मुख्य सचिव संजय मित्र ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त आयोग के पास पत्र भी लिखा है, लेकिन अब तक इसका जवाब केंद्र ने नहीं दिया है. राज्य सरकार द्वारा कई मुद्दों पर हमेशा ही केंद्र को पत्र लिखा जाता है, लेकिन शायद की किसी पत्र का जवाब केंद्र सरकार देती है.

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