राजमहल/आसनसोल/कोलकाता : नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने बर्दवान के खागड़ागढ़ में हुए ब्लास्ट के आरोपी मो रेजाउल करीम (27) को गिरफ्तार कर लिया है. रेजाउल की गिरफ्तारी शनिवार को झारखंड के साहेबगंज जिले के राजमहल स्थित तालाझारी से हुई. वह मालदा रेल डिवीजन के तीन पहाड़- साहेबगंज रेल खंड पर रेल पटरी के दोहरीकरण कार्य में राज मिस्त्री के रूप में काम कर रहा था. यहां उसने अपना नाम बदल कर अनवर रख लिया था. रेजाउल करीम (पिता मंटू शेख उर्फ अब्दुल लतीफ) आतंकी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का सदस्य है. एनआइए ने उस पर पांच लाख रुपये का इनाम भी रखा था.
न्यायालय में पेश किया गया
बताया जाता है कि एनआइए के डीएसपी आरके सिंह और तालझारी थाना प्रभारी द्वारिका राम पिछले 20 दिनों से उस पर नजर रख रहे थे. गिरफ्तारी के बाद रेजाउल को एनआइए की टीम कड़ी पुलिस सुरक्षा में राजमहल स्थित व्यवहार न्यायालय ले गयी. यहां उसे न्यायिक दंडाधिकारी पीके गोस्वामी की अदालत में पेश किया गया. न्यायालय के आदेश पर एनआइए की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले गयी.
बम बनाने का काम करता था
एनआइए के अनुसार, रेजाउल विभिन्न स्थानों पर बम बनाने और इसे पहुंचाने का काम करता था. बर्दवान ब्लास्ट के बाद से ही वह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था. सूत्रों के अनुसार, रेजाउल बर्दवान ब्लास्ट के मुख्य आरोपी कौसर उर्फ बोमारू मिजान का करीबी है. बर्दवान ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
घर से मिले थे बम
बर्दवान विस्फोट के बाद एनआइए की टीम ने रेजाउल के घर में छापामारी की थी. उसके घर से 39 बम बरामद किये गये थे. ये बर्दवान ब्लास्ट में इस्तेमाल बम जैसे ही थे. रेजाउल ब्लास्ट में घायल आतंकी अब्दुल हकीम के संपर्क में था. बर्दवान ब्लास्ट में एनआइए ने कांड संख्या आरसी 03 / 2014 / एनआइए / डीएलआइ के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. रेजाउल के अलावा अन्य कई अभियुक्तों पर भी तीन लाख से 10 लाख तक का इनाम है.
मुर्शिदाबाद का रहनेवाला है
रेजाउल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला स्थित रघुनाथगंज थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. बर्दवान में वह बादशाही रोड में रुकता था. वह बर्दवान के खागड़ागढ़ में हुए ब्लास्ट के मुख्य आरोपी कौसर उर्फ बोमारू मिजान का करीबी है.
रेल लाइन बनाने के काम में लगा था
रेजाउल अपना नाम अनवर रख कर तीन पहाड़- साहेबगंज रेल खंड पर रेल पटरी के दोहरीकरण कार्य में राज मिस्त्री के रूप में काम कर रहा था. एनआइए 20 दिनों से उस पर नजर रख रही थी.