कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित एक पत्र में राजस्थान परिषद के अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन, उपाध्यक्ष जुगल किशोर जैथलिया व कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए ज्ञापन सौंपा. परिषद की ओर रूगलाल सुराणा जैन, अरुण प्रकाश मल्लावत व बंशीधर शर्मा ने बताया कि नौ करोड़ नागरिकों की मातृभाषा राजस्थानी है. भाषा के रूप में राजस्थानी भाषा की सांस्कृतिक पहचान है. तीन लाख शब्दों के विशाल शब्दकोष से समृद्ध राजस्थानी भाषा की इतिहासकारों, साहित्यकारों व भाषाविदों ने सराहना की है. सन 2003 में केंद्र के निर्देशानुसार राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए एक सर्वसम्मत संकल्प राजस्थान विधानसभा ने केंद्र सरकार को प्रेषित किया था. 2006 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोकसभा में घोषणा की थी कि राजस्थानी और भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. उन्होंने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए शीघ्र पहल करने का अनुरोध किया.
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राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध
कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित एक पत्र में राजस्थान परिषद के अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन, उपाध्यक्ष जुगल किशोर जैथलिया व कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए ज्ञापन सौंपा. परिषद की ओर रूगलाल सुराणा जैन, अरुण प्रकाश मल्लावत व बंशीधर शर्मा ने बताया कि नौ करोड़ नागरिकों […]
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