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बंगाल में पांव जमाने की कोशिश में संघ

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासत में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भाजपा के उभार से उत्साहित आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठन अब सूबे में पांव जमाने की कोशिश कर रहे हैं. आरएसएस के प्रमुख प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने कहा,‘देश भर में आरएसएस के पक्ष में उफान है. बंगाल भी उसका एक हिस्सा है. अल्पसंख्यकों के […]

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासत में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भाजपा के उभार से उत्साहित आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठन अब सूबे में पांव जमाने की कोशिश कर रहे हैं. आरएसएस के प्रमुख प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने कहा,‘देश भर में आरएसएस के पक्ष में उफान है. बंगाल भी उसका एक हिस्सा है. अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के खिलाफ बहुसंख्यक समुदाय का गुस्सा बंगाल में एक अतिरिक्त कारण हो सकता है. हमारा लक्ष्य अब राज्य के हर ब्लॉक में पहुंचना है.’
हिंदू राष्ट्र की अवधारणा की आक्रामक वकालत करनेवाले विहिप का दावा है कि पिछले एक साल में उसकी सदस्यता बढ़ी है. विहिप के राज्य नेता सचिंद्रनाथ सिंघा ने कहा,‘अभी राज्य में हमारे तकरीबन 80 हजार कार्यकर्ता हैं, जो 2012 की संख्या की तिगुनी है. हम इस साल अपनी सदस्यता दो लाख पहुंचाने का लक्ष्य रख रहे हैं.’ आरएसएस एवं विहिप नेताओं के अनुसार दो अक्तूबर बर्दवान विस्फोट के बाद बांग्लादेशी घुसपैठ, अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण और राष्ट्रविरोधी कट्टरपंथी गतिविधियों के मुद्दे सामने आये हैं. जिनका इस्तेमाल वे लोगों तक पहुंचने के लिए कर रहे हैं.
अभी हाल तक, छात्र शाखा एबीवीपी राज्य में कहीं नहीं थी. यहां की राजनीति तृणमूल के छात्र संगठन ‘तृणमूल छात्र परिषद’ और माकपा के छात्र संगठन एसएफआइ के बीच बंटी थी. एबीवीपी ने दो कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव जीत कर उपस्थिति दर्ज करायी है. किसान और मजदूर मोरचे पर भी भारतीय किसान संघ और भारतीय मजदूर संघ बहुत मुखर हैं. बीकेएस के अनिल राय ने कहा,‘हम राज्य के हर ब्लॉक में किसानों की छोटी बैठकें कर रहे हैं. धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर हमने किसानों के समर्थन से कई आंदोलन किये. पिछले दो साल में हमारी सदस्यता चार गुना बढ़ी है.’ आरएसएस की आदिवासी शाखा, पूर्वाचल कल्याण आश्रम भी पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मिदनापुर और पूर्वी मिदनापुर में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं.
आरएसएस के विश्वनाथ मुखर्जी का निधन : कोलकाता. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोलकाता महानगर संघचालक विश्वनाथ मुखर्जी का रविवार की सुबह निधन हो गया. उनकी उम्र 72 वर्ष थी. वह पेशे से इंजीनियर थे. वह अपने पीछे अपनी पत्नी और एक पुत्र को छोड़ गये हैं. यह जानकारी दक्षिण बंगाल के आरएसएस प्रवक्ता जिश्नु बसु ने दी.
पहले शाखाओं की संख्या उतनी प्रभावशाली नहीं थी, लेकिन पिछले दो सालों में उसमें बहुत इजाफा हुआ है. अब समूचे बंगाल में 1500 दैनिक शाखाएं लगायी जा रही हैं. आरएसएस और उसकी विचारधारा अब समाज के सभी हिस्सों के लोगों को आकर्षित कर रही है.
जिश्नु बसु, प्रवक्ता, आरएसएस, दक्षिण बंगाल
जेएमबी आतंकवादी माड्यूल, आतंकवाद के प्रजनन केंद्र के रूप में कुछ मदरसों और बांग्लादेशी घुसपैठ कुछ ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जिनका उपयोग हम लोगों तक पहुंचने में कर रहे हैं. हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.
सचिंद्रनाथ सिंघा, नेता, विहिप, बंगाल

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