जेयू के कुलपति को इस्तीफा देने का निर्देश

कोलकाता: यादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों की मांग के आगे आखिरकार राज्य सरकार को झुकना ही पड़ा. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया. सोमवार की शाम राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व यूनिवर्सिटी प्रबंधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 6:50 AM
कोलकाता: यादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों की मांग के आगे आखिरकार राज्य सरकार को झुकना ही पड़ा. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया. सोमवार की शाम राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व यूनिवर्सिटी प्रबंधन के साथ बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की.

गौरतलब है कि सोमवार को यूनिवर्सिटी में स्थिति का जायजा लेने के लिए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी वहां पहुंचे, छात्रों ने उनको देख कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को वहां की स्थिति के बारे में अवगत कराया. शिक्षा मंत्री से बात करने के बाद मुख्यमंत्री खुद शाम 6.10 बजे यूनिवर्सिटी पहुंचीं. मुख्यमंत्री के सामने भी छात्रों ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को हटाने की मांग की और उनके सामने भी नारे लगाने शुरू कर दिये. इसके बाद मुख्यमंत्री यूनिवर्सिटी के अंदर ही शिक्षा मंत्री व अन्य प्रबंधन अधिकारियों के साथ बैठक की. प्रबंधन अधिकारियों ने बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि यहां स्थिति बिल्कुल सही नहीं है.

अगर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो परिस्थिति और भी बदल सकती है. क्योंकि पिछले छह दिनों से अनशन पर रहने के कारण कई छात्रों की शारीरिक स्थिति काफी खराब हो गयी है. अब छात्रों के अभिभावकों ने भी यहां अनशन शुरू कर दिया है. परिस्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने छात्रों की मांगों के सामने ही झुकना अच्छा समझा. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने छात्रों की मांग को स्वीकारते हुए जेयू के कुलपति को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दे दिया है. गौरतलब है कि यादवपुर यूनिवर्सिटी में सितंबर 2014 से ही विवाद चल रहा है. सितंबर महीने में यूनिवर्सिटी में एक छात्र के साथ ईल हरकत हुई, लेकिन यूनिवर्सिटी के कुलपति ने इस मामले की अनदेखी करते हुए काफी समय बाद इस पर कार्रवाई शुरू की थी. छात्रों ने जब छात्र को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था तो उस समय रात के अंधेरे में पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठीचार्ज भी कराया गया था.

तब से छात्रों ने कुलपति को हटाने की मांग शुरू कर दी थी. अक्तूबर महीने से यूनिवर्सिटी में गतिरोध जारी था, जो आज मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुआ.

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