सात आतंकवादी फांसी पर लटकाये गये
इसलामाबाद. पाकिस्तान में दोषी ठहराये गये सात आतंकवादियों को आज विभिन्न जेलों में फांसी पर लटका दिया गया. इनमें पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ पर हमले में शामिल रहा पाकिस्तानी वायुसेना का एक जूनियर तकनीशियन भी शामिल है.वायुसेना का पूर्व जूनियर तकनीशियन नवाजिश अली तथा असैनिक मुश्ताक अहमद वर्ष 2003 में जनरल ( सेवानिवृत्त) […]
इसलामाबाद. पाकिस्तान में दोषी ठहराये गये सात आतंकवादियों को आज विभिन्न जेलों में फांसी पर लटका दिया गया. इनमें पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ पर हमले में शामिल रहा पाकिस्तानी वायुसेना का एक जूनियर तकनीशियन भी शामिल है.वायुसेना का पूर्व जूनियर तकनीशियन नवाजिश अली तथा असैनिक मुश्ताक अहमद वर्ष 2003 में जनरल ( सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ पर कातिलाना हमले के विफल प्रयास में शामिल थे. इन दोनों को फैसलाबाद के केंद्रीय कारागार में फंासी दी गयी. इसके साथ ही आतंकवादी मामलों के तीन दोषियों मुहम्मद तल्हा, खलील अहमद और शाहिद हनीफ को सुकूर केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटकाया गया. उन्हें रक्षा मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक सैयद जफर अली शाह की हत्या के मामले में 2001 में मौत की सजा सुनायी गयी थी. अप्रैल 2003 में सिंध हाई कोर्ट के अदालत कक्ष में अधिवक्ता मोहम्मद अशरफ की हत्या करने वाले बहराम खान को कराची केंद्रीय कारागार में फांसी दी गयी. उसे जून 2003 में आतंकवाद विरोधी अदालत ने दोषी ठहराया था.जुल्फिकार अली को रावलपिंडी में अडियाला जेल में फांसी दी गयी. उसे कराची में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के समीप दो पुलिसकर्मियों की हत्या का दोषी ठहराया गया था.जिन जेलों में कैदियों को फांसी की सजा दी गयी उनके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. पेशावर के स्कूल में आतंकवादी हमलों में 150 लोगों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने सजा-ए- मौत पर लगायी अपनी रोक हटा ली थी. इस हमले में मरने वालों में ज्यादातर बच्चे थे. सजाए मौत से रोक हटाए जाने के बाद पाकिस्तान में आठ आतंकवादियों को फांसी दी जा चुकी है.