स्नान के बाद कोई खुशी-खुशी लौटने लगे घर, तो कोई मायूसी के साथ
(खुशी व मायूसी के साथ घर लौटने की तस्वीर भेजी गयी है)-सागरद्वीप में स्नान के दौरान अपनोें से बिछड़े कई तीर्थयात्री-गुरुवार सुबह चार बजे से शाम सात बजे तक छह हजार अपनों से बिछड़े लोग-बजरंग परिषद सूचना केंद्र की मदद से 3500 हजार तीर्थयात्री अपनों से मिले-पिछले दिनों से शिविर में अपनों के इंतजार में […]
(खुशी व मायूसी के साथ घर लौटने की तस्वीर भेजी गयी है)-सागरद्वीप में स्नान के दौरान अपनोें से बिछड़े कई तीर्थयात्री-गुरुवार सुबह चार बजे से शाम सात बजे तक छह हजार अपनों से बिछड़े लोग-बजरंग परिषद सूचना केंद्र की मदद से 3500 हजार तीर्थयात्री अपनों से मिले-पिछले दिनों से शिविर में अपनों के इंतजार में 350 से ज्यादा लोग गंगासागर. देश के कोने-कोने से सागरद्वीप में खुशी-खुशी परिवार के साथ नहाने आये लाखों लोगों में अधिकतर लोग ऐसे है जो पुण्य स्नान के बाद घर वापसी के लिए चल दिये. लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसे भी लोग है, जो अपनों से बिछड़ गये. बिछड़ने वालों में ऐसे लोग भी है जो सूचना केंद्र में आकर महज एक व दो घंटे इंतजार कर फिर से अपनों से मिले, लेकिन घर वापसी के दौरान कुछ लोग ऐसे खाली हाथ लौटे, जिन्हें बिछड़े लोग दोबारा नहीं मिले. पूरे सागर मेले में घंटों तलाशी के बावजूद उन्हें खाली हाथ उदासी के साथ घर लौटना पड़ा. चेहरे पर मायूसी लिए घर लौटने का गम उनके चेहरे में साफ देखा जा सकता था. सागरद्वीप से चिमागुड़ी बस से पहुंच कर कुछ लोगों ने बिछड़ों की वहां भी तलाश की. जिसमंे भी कुछ कामयाब हो गये, जबकि कुछ लंबी दूरी तय कर अपने गांव लौटने के लिए बाध्य हो गये. सागरतट में बिछड़ों को अपनों से मिलाने का काम बजरंग परिषद के तरफ से किया जा रहा है. मेला इंचार्ज एम. नाथ दूबे ने बताया कि जितने भी लोग बच जायेंगे, उन्हें संस्था के सदस्य उनके साथ घरों तक पहुंचायेंगे. अब तक मेला में कोई ऐसा नहीं बचा जिसे मेला के बाद घर ना पहुंचाया गया हो.