राज्य सरकार ने नरम किये सुर

कोलकाता: इस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में हावड़ा मैदान से लेकर राइटर्स बिल्डिंग तक राज्य सरकार ने पहले जो तेवर दिखाये थे, अब उसमें नरमी आ गयी है. गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्रा पाल की कोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि वह अब इस मामले के समाधान के लिए कानूनी लड़ाई की बजाय, बातचीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 6:02 AM
कोलकाता: इस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में हावड़ा मैदान से लेकर राइटर्स बिल्डिंग तक राज्य सरकार ने पहले जो तेवर दिखाये थे, अब उसमें नरमी आ गयी है. गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्रा पाल की कोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि वह अब इस मामले के समाधान के लिए कानूनी लड़ाई की बजाय, बातचीत से इसका हल निकालना चाहती है.

कोर्ट ने इससे पहले जो पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, उस कमेटी के साथ बैठ कर समस्या का समाधान करना चाहती है. इसके बाद न्यायाधीश सौमित्रा पाल ने सभी पक्षों को आपस में समन्वय बना कर व बातचीत कर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया. 30 जनवरी को राज्य सरकार इस संबंध में अपना रिपोर्ट पेश करेगी.

गौरतलब है कि इससे पहले मामले की सुनवाई हाइकोर्ट की न्यायाधीश नादिरा पथारिया की बेंच पर मामले की सुनवाई हुई थी. न्यायाधीश ने मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी पक्ष के लोगों को कोर्ट में पेश होने को कहा था. हाइकोर्ट में इसे लेकर काफी देर तक सुनवाई हुई थी.

इसके बाद उन्होंने पांच लोगों को लेकर एक कमेटी का गठन किया था. रेलवे बोर्ड से एके झा, मेट्रो रेल से एचपी शर्मा, राज्य सरकार के अलापन बंद्योपाध्याय, संयुक्त आयुक्त सुप्रतीम सरकार व केएमसी के संयुक्त आयुक्त को शामिल किया था. हावड़ा मैदान से राइटर्स बिल्डिंग तक मेट्रो का काम किस प्रकार से होगा और अगर राइटर्स बिल्डिंग स्टेशन को शिफ्ट करना होगा तो क्या किया जाये, इन विषयों पर चर्चा करने को कहा गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले नौ जनवरी को यह कमेटी आपस में बैठक की थी. बैठक में निर्माणकारी संस्था ने हावड़ा मदान से गंगा नदी के नीचे बोरिंग शैप ब्रार्बन रोड की बजाय लालदीघि के पास उठाने का प्रस्ताव दिया.

राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव पर राजी है, लेकिन मेट्रो प्रबंधन ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया था. इसलिए 28 जनवरी को फिर से बैठक होगी.

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