कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस महासचिव और पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय के अचानक फिर दिल्ली जाने से कयासों का दौर तेज हो गया है. गुरुवार को वह अचानक दिल्ली रवाना हो गये. उनके साथ राज्य की विधि राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी राष्ट्रीय राजधानी गयी हैं. संभावना जतायी जा रही है कि मुकुल अगले सप्ताह सारधा चिटफंड मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. गौरतलब है कि सीबीआइ ने राय को सारधा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए समन किया है.
अब तक सीबीआइ ने पूछताछ के लिए जब भी किसी बड़े नेता या पदाधिकारी को तलब किया तो उन्हें सबूत दिखा कर साथ ही साथ अपने हिरासत में ले लिया है. ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआइ ने अपना पूरा होमवर्क करने के बाद ही मुकुल को तलब किया है. परिस्थितियों को देखते हुए तृणमूल खेमे में हड़कंप मचना स्वाभाविक है. किसी भी लड़ाई में सेनापति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और मुकुल राय पार्टी के महासचिव के तौर पर हर मोरचे पर पार्टी के सेनापति के तौर पर काम करते रहे हैं.
एक ही दिन में रणनीति बदली: दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा : मैं अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का महासचिव हूं. मैं दिल्ली में अपने कार्यालय में बैठने जा रहा हूं. उन्होंने बुधवार को कोलकाता वापसी के बाद कहा था : मैं दिल्ली में था. मैं वापस आ गया हूं. मैं उनसे (सीबीआइ) संपर्क करूंगा. निश्चित तौर पर जब मैं जाऊंगा मैं सूचित करूंगा. मैं अपने पार्टी नेतृत्व से भी बातचीत करूंगा. सारधा चिटफंड घोटाला जांच के संबंध में राय ने केंद्रीय एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगी थी. राय ने कल कहा था : जब मैं दिल्ली में था मैंने सीबीआइ को पुष्टि की थी कि मैं उनके समक्ष हाजिर रहूंगा. लेकिन, उस समय पश्चिम बंगाल में दो सीटों पर उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई थी. उन्होंने कहा था : चूंकि मैं पार्टी का अहम पदाधिकारी हूं और उपचुनाव होगा इसलिए मैंने सीबीआइ से 15 दिन की मांग की. तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि वह सीबीआइ को उसकी जांच में सहयोग करेंगे.
आरोपपत्र तैयार करने में मुकुल से पूछताछ अहम
कोलकाता: सीबीआइ ने गुरुवार को कहा कि सारधा मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने की दिशा में तृणमूल महासचिव मुकुल राय से पूछताछ अहम है. सीबीआइ के एक सूत्र ने कहा : हम बहुत ज्यादा देरी नहीं करना चाहते क्योंकि जांच अग्रिम चरण में है. इसलिए, हम जल्द से जल्द राय से पूछताछ करना चाहते हैं ताकि सारधा रियल्टी मामले में समय पर मुख्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया जा सके.
पूर्व रेलवे मंत्री राय को जांच एजेंसी ने इस सप्ताह पेश होने के लिए समन भेजा था लेकिन उन्होंने पेशी के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगी है. सारधा पोंजी घोटाले में कोष को दूसरी मद में भेजे जाने की कथित आपराधिक साजिश में उनकी भूमिका के लिए उनसे पूछताछ की जायेगी.
सूत्रों ने कहा कि मुकुल राय के साथ काफी बातचीत के बाद उन्हें सीबीआइ के समक्ष 21 जनवरी 2015 को पेश होने के लिए कहा गया है. सूत्र ने कहा : हमने उनसे यह भी कहा कि हम देरी नहीं कर सकते.
सूत्र ने कहा कि राय से पूछताछ से सारधा रियल्टी मामले में मंत्री मदन मित्रा, तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य सृंजय बोस और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने में मदद मिलेगी.
सूत्र ने कहा : अगर उनकी गिरफ्तारियों के बाद हम निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पाते हैं तो उन्हें इसी चूक के कारण जमानत मिल जायेगी और अनावश्क रुप से हमें जिम्मेदार माना जायेगा. उन्होंने कहा : कुछ चीजों का वक्त तय होता है.