पुस्तक की अहमियत को समझें युवा : सुरंजन दास (फो पेज चार पर)

– 26 वें हावड़ा जिला पुस्तक मेले का हुआ आगाज – कलकत्ता विश्यविद्यालय के प्राचार्य ने किया उदघाटन हावड़ा. बदलते दौर में पुस्तक की महत्ता को कंप्यूटर जैसी मशीनों से एक मजबूत चुनौती मिल रही है. पुस्तकों के स्थान पर कंप्यूटर व मोबाइल फोन का इस्तेमाल जिस कदर बढ़ रहा है. यह पुस्तक की महत्ता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2015 9:03 PM

– 26 वें हावड़ा जिला पुस्तक मेले का हुआ आगाज – कलकत्ता विश्यविद्यालय के प्राचार्य ने किया उदघाटन हावड़ा. बदलते दौर में पुस्तक की महत्ता को कंप्यूटर जैसी मशीनों से एक मजबूत चुनौती मिल रही है. पुस्तकों के स्थान पर कंप्यूटर व मोबाइल फोन का इस्तेमाल जिस कदर बढ़ रहा है. यह पुस्तक की महत्ता को जरूर कम करता है. लेकिन, इससे पुस्तकों की अहमियत खत्म नहीं होती. युवाओं को अपने जीवन में पुस्तकों की अहमियत समझने की जरूरत है. उक्त बातें कोलकाता विश्वविद्यालय के उपाचार्य सुरंजन दास ने अपने संबोधन के दौरान कहीं. वह शनिवार को शरद सदन प्रांगण में जिला पुस्तकालय की ओर से आयोजित 26 वे पुस्तक मेले के उदघाटन के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. श्री दास ने कहा कि आज के युग में बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत एक तरह से खत्म हो गयी है. उन्होंने लोगों से आवाह्न करते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए. इससे पूर्व उपाचार्य ने दीप प्रज्वलित कर पुस्तक मेले का उदघाटन किया. मौके पर कृषि विपणन मंत्री अरूप राय ने पुस्तक को जीवन की बुनियाद बताते हुए कहा कि मानव समाज के विकास में पुस्तकों का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने छात्रों को हमेशा पुस्तक पढ़ने पर बल देने का आह्वान किया. मौके पर हावड़ा के मेयर डॉक्टर रथीन चक्रवर्ती, एमएमआइसी सीमा नस्कर, विनोदानंद बनर्जी, हावड़ा नगर निगम के आयुक्त निलांजन चटर्जी व अन्य शामिल थे.

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