कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शीर्ष अदालत की निगरानी में सारधा चिटफंड मामले की सीबीआइ जांच की अपील की है. सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की पीठ में यह याचिका दायर की. इसमें कहा गया है कि करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की सीबीआइ जांच की सूचनाएं लीक हो रही है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच हो.
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी. सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ की सूचनाएं पश्चिम बंगाल सरकार व आरोपी व्यक्ति के पास बाद में पहुंचती है, पहले अन्य लोगों के पास यह पहुंच जाती है. अप्रैल, 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने जांच का निर्देश दिया है. इसके बाद सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय (इडी) तृणमूल के कई नेताओं से पूछताछ कर चुकी है. परिवहन मंत्री मदन मित्र से लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद सृजन बोस की गिरफ्तारी हो चुकी है. सीबीआइ ने तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल राय को भी पूछताछ के लिए तलब किया है, लेकिन राय ने सीबीआइ से सात दिनों का समय मांगा है.
तृणमूल सीबीआइ की तृणमूल नेताओं से पूछताछ को राजनीतिक साजिश करार चुकी है. सिब्बल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआइ को करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह मामले की निगरानी नहीं करेगी, लेकिन यदि स्थिति उत्पन्न हुई तो वह ऐसा कर सकती है. अदालत ने सिब्बल से तत्काल सुनवाई करने की वजह तलब किया है. दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिब्बल द्वारा तृणमूल सरकार के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय में मामला करने से प्रदेश कांग्रेस में असंतोष है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सिब्बल के लिए पार्टी और पेशा में पेशा ज्यादा महत्वपूर्ण है. उनके लिए पार्टी के आदर्श महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सिब्बल द्वारा इस मामले की सिफारिश करने का विरोध करते हैं तथा जब तक वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे, सिब्बल को कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जायेगा. दूसरी ओर, दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस की अध्यक्ष माला राय के नेतृत्व में सिब्बल के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय विधान भवन में विरोध प्रदर्शन किया गया. माला राय ने सिब्बल को तत्काल कांग्रेस की सदस्यता से हटाने की मांग की. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इस तरह से तृणमूल व कांग्रेस फिर से एक दूसरे के नजदीक आ रही हैं.
इसमें कहा गया है कि करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की सीबीआइ जांच की सूचनाएं लीक हो रही है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच हो. न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी. सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ की सूचनाएं पश्चिम बंगाल सरकार व आरोपी व्यक्ति के पास बाद में पहुंचती है, पहले अन्य लोगों के पास यह पहुंच जाती है.
अप्रैल, 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने जांच का निर्देश दिया है. इसके बाद सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय (इडी) तृणमूल के कई नेताओं से पूछताछ कर चुकी है. परिवहन मंत्री मदन मित्र से लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद सृजन बोस की गिरफ्तारी हो चुकी है. सीबीआइ ने तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल राय को भी पूछताछ के लिए तलब किया है, लेकिन राय ने सीबीआइ से सात दिनों का समय मांगा है.
तृणमूल सीबीआइ की तृणमूल नेताओं से पूछताछ को राजनीतिक साजिश करार चुकी है. सिब्बल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआइ को करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह मामले की निगरानी नहीं करेगी, लेकिन यदि स्थिति उत्पन्न हुई तो वह ऐसा कर सकती है. अदालत ने सिब्बल से तत्काल सुनवाई करने की वजह तलब किया है. दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिब्बल द्वारा तृणमूल सरकार के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय में मामला करने से प्रदेश कांग्रेस में असंतोष है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सिब्बल के लिए पार्टी और पेशा में पेशा ज्यादा महत्वपूर्ण है. उनके लिए पार्टी के आदर्श महत्वपूर्ण नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह सिब्बल द्वारा इस मामले की सिफारिश करने का विरोध करते हैं तथा जब तक वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे, सिब्बल को कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जायेगा. दूसरी ओर, दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस की अध्यक्ष माला राय के नेतृत्व में सिब्बल के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय विधान भवन में विरोध प्रदर्शन किया गया. माला राय ने सिब्बल को तत्काल कांग्रेस की सदस्यता से हटाने की मांग की. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इस तरह से तृणमूल व कांग्रेस फिर से एक दूसरे के नजदीक आ रही हैं.
रोजवैली के निदेशक से फिर पूछताछ
चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने सोमवार को रोजवैली के निदेशक गौतम कुंडू से घंटों पूछताछ की. इडी के अधिकारी इस मामले की जांच के सिलसिले में इसके पहले तीन बार उनसे पूछताछ कर चुके हैं. इडी के अधिकारियों का कहना है कि रोजवैली ने सेबी के नियम की अनदेखी कर बाजार से कई सौ करोड़ रुपये वसूले हैं. बार-बार उनसे पूछताछ के बाद उनके बयान में काफी विसंगति मिल रही है. जिसके कारण उन्हें बार-बार इडी दफ्तर बुलाकर उनके बयान को रिकॉर्ड किया जा रहा है. लेकिन हर बार वे अपने बयान से मुकर रहे हैं. सोमवार को भी 11 बजे इडी दफ्तर में शुरू हुई पूछताछ के दौरान उनके बयान को रिकॉर्ड किया गया. अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के बाद गौतम कुंडू को कुछ और भी कागजात जमा देने को कहा गया है. लेकिन इस बार कागजात में गड़बड़ी होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर वे बाध्य होंगे. ज्ञात हो कि हजारों करोड़ रुपये बाजार से रुपये वसूलने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी गौतम कुंडू से लगातार तीन बार पूछताछ कर चुके हैं. सोमवार को चौथी बार उनसे पूछताछ की गयी.