पानागढ़/कोलकाता: वीरभूम जिले के पारुई के सातोर गांव में महिला पर पुलिस बर्बरता से उठे जनाक्रोश के दबाव में सोमवार को पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने ऑपरेशन पुलिस अधिकारी कार्तिक मोहन घोष को लाइन हाजिर कर दिया तथा इसकी जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद राय की अध्यक्षता में विशेष जांच कमेटी गठित की है.
कमेटी जल्द जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इससे पहले राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने मामले में हस्तक्षेप किया. राजभवन सूत्रों व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा के मुताबिक, राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. सिन्हा के नेतृत्व में सोमवार को भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला और पीड़िता को न्याय दिलाने की गुहार लगायी.
इधर, माकपा से संबद्ध जनतांत्रिक महिला समिति के नेतृत्व में महिलाओं एवं पार्टी समर्थकों ने जिले के सभी थानों का घेराव कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सोमवार को पारुई थाने के समक्ष पार्टी सदस्यों ने काला बैच लगा कर विरोध प्रदर्शन किया. इसी बीच, भाजपा विधायक समीर भट्टाचार्या के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का शिष्टमंडल जिला अस्पताल में पीड़िता से मिला तथा सातोर गांव का दौरा किया.
भाजपा प्रतिनिधिमंडल मिला राज्यपाल से
कोलकाता. वीरभूम के पारुई की पीड़ित महिला के मामले में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने हस्तक्षेप किया है. राजभवन सूत्रों व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा के मुताबिक, राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. सिन्हा के मुताबिक, राज्यपाल ने दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और मामले की जांच करने के लिए कहा है. सोमवार को ही राहुल सिन्हा के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिदल राज्यपाल से मिलने पहुंचा था. राज्यपाल को घटना की जानकारी देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ित महिला को 10 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की मांग की गयी है. भाजपा की ओर से राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज करायी गयी है.
आयोग से कहा गया है कि वह राज्य में अपना प्रतिनिधिदल भेजकर हालात की जानकारी खुद ले. इधर, भाजपा का एक प्रतिनिधिदल विधायक शमिक भट्टाचार्य के नेतृत्व में वीरभूम पहुंचा था. सिन्हा ने दावा किया कि पुलिस अधीक्षक का कहना था कि मामले में केवल पुलिस शामिल थी, तृणमूल नहीं. यानी पुलिस भले फंस जाये तृणमूल पर आंच नहीं आनी चाहिए. सिन्हा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की भी मांग की है. उनका कहना था कि सारधा कांड में सीबीआइ की जांच पर भले वह आंदोलन करती हैं लेकिन इस मामले में वह चुप क्यों हैं. इधर, प्रदेश भाजपा महिला मोरचा की ओर से कॉलेज स्क्वायर में विरोध प्रदर्शन भी किया गया. दूसरी ओर अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य की ओर से वीरभूम मामले के संबंध में याचिका दायर कर हाइकोर्ट से मामले में स्वत: संज्ञान लेने का आवेदन किया गया. भट्टाचार्य ने बताया कि अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है. मामले की मंगलवार को सुनवाई हो सकती है और इस बाबत अदालत का निर्देश आ सकता है. अदालत की कार्रवाई शुरू होते ही भट्टाचार्य ने मामले से जुड़े पेपर कटिंग को मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायाधीश जयमाल्य बागची की अदालत में पेश किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह मामले के तथ्यों से अवगत हैं और इस संबंध में उन्होंने भट्टाचार्य को जरूरी कागजात अदालत में जमा करने के लिए कहा है.
भाजपा प्रतिनिधि दल पारुई में
भाजपा विधायक शमिक भट्टाचार्या के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का शिष्टमंडल पीड़िता आयमा बीबी से बर्दवान सदर अस्पताल में मिला. उनसे पूरी घटना की जानकारी ली गयी तथा पीड़ित परिवार को हर सुविधा व सहायता देने का आश्वासन दिया गया. नेताओं ने सातोर गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. विधायक ने भी इस अमानवीय घटना की कड़े शब्दों में निंदा की.
महिलाओं ने किया प्रदर्शन
माकपा के जिला सचिव सह पूर्व सांसद रामचंद्र डोम ने कहा कि इस घटना के खिलाफ महिला समिति की सदस्यों ने जिले के सभी थानों का घेराव किया तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि महिला शासित राज्य में पुलिस अधिकारियों की यह कार्रवाई पूरी तरह से निंदनीय है. आम जनता का विश्वास पुलिस से हटने लगा है. राज्य सरकार दिशाहीन हो गयी है. पूरे राज्य में पुलिसिया अत्याचार चरम पर है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दौरा
कांग्रेस सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अधीर चौधरी के नेतृत्व में काला बैज लगा कर प्रदर्शन किया तथा पुलिस कार्रवाई की भर्त्सना की. चौधरी ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था चरमरा गयी है. तृणमूल संरक्षित अपराधियों के इशारे पर पुलिस अपने कर्त्तव्य से विमुख हो गयी है. महिला के साथ इस तरह का र्दुव्यवहार महिला मुख्यमंत्री के शासन में अशोभनीय और शर्मसार घटना है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधीक्षक राजोरिया को ज्ञापन सौंपा.
क्या है मामला
वीरभूम जिले के नानूर थाना के कीर्णाहार ग्राम पंचायत प्रधान के घर पर कथित हमले के आरोपी भाजपा समर्थक शेख मिठुन की तलाश में पुलिस पारूई के सातोर गांव पहुंची. जब वह नहीं मिला, तो पुलिस बुदबुद थाने के देवशाला गांव से उसकी चाची आयमा बीबी को घर से जबरन उठा ले गयी और उस पर जुल्म ढहाये. उसके शरीर पर खुजली वाला पत्ता रगड़ दिया गया. पुलिस वालों ने उसके शरीर पर दो लाठियां तोड़ दीं. इससे भी जब उन्हें शांति नहीं मिली तो उसके हाथ के तालू काट दिये.