बंगाल में देखने को मिलेगा दीदी बनाम दादा मुकाबला !

कोलकाता: बंगाल की राजनीति में दीदी बनाम दादा मुकाबला देखने को मिल सकता है. भारतीय क्रि केट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के भाजपा में शामिल होने की खबरों ने इस संभावना को तेजी से जन्म दिया है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा काफी दिनों से सौरभ पर डोरे डाल रही है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2015 6:59 AM
कोलकाता: बंगाल की राजनीति में दीदी बनाम दादा मुकाबला देखने को मिल सकता है. भारतीय क्रि केट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के भाजपा में शामिल होने की खबरों ने इस संभावना को तेजी से जन्म दिया है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा काफी दिनों से सौरभ पर डोरे डाल रही है और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और प्रिंस ऑफ कोलकाता के बीच इस संबंध में काफी बातें भी हो चुकी हैं.

भाजपा और सौरभ के बीच पक रही खिचड़ी की गंध को आरपीजे ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका के एक ट्वीटने वातावरण में बड़ी तेजी से फैलाने का काम किया है. बुधवार शाम हर्ष गोयनका ने ट्वीट किया था कि बंगाल में दीदी बनाम दादा की लड़ाई होने वाली है, क्योंकि सौरभ गांगुली जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं.

इस खबर को पूर्व कप्तान के रवैये से और भी बल मिल रहा है, क्योंकि हर्ष गोयनका के इस ट्वीट को सामने आये घंटों गुजर जाने के बावजूद सौरभ ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. भाजपा में शामिल होने के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में सौरभ ने कहा : मुङो कुछ नहीं कहना है. मुङो नहीं पता कि श्री हर्ष गोयनका ने क्या ट्वीट किया है. आप उन्हीं से पूछिए. सौरभ ने कहा कि मेरे मन में अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति गहरा सम्मान है.

ज्ञात हो कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती देने के लिए भाजपा अपना आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है. सौरभ के साथ आने से पार्टी को बल मिलेगा. सौरभ क्रि केट की दुनिया के अत्यधिक चर्चित चेहरा होने के साथ-साथ बंगाल में बेहद लोकप्रिय हस्ती हैं. राज्य में एक टीवी चैनल पर दादागीरी शीर्षक से एक शो का संचालन करने वाले सौरभ को राज्य के बहुत-से युवा अपना आदर्श मानते हैं, ऐसे में अगर भाजपा उन्हें शामिल करने में कामयाब रहती है, तो यह न सिर्फ पार्टी के लिए काफी बड़ी सफलता होगी, बल्कि वह राज्य सरकार के लिए गंभीर चुनौती भी पेश कर पायेगी.
लोकसभा चुनाव के समय भी भाजपा ने उन्हें टिकट ऑफर किया था. उस समय इस तरह की अटकलें भी चर्चा में थी कि नरेंद्र मोदी ने उन्हें खेलमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी दिया था, पर सौरभ ने न केवल उस ऑफर को ठुकरा दिया था, बल्कि उन्होंने यह स्वीकार भी किया था कि भाजपा की ओर से उन्हें इस प्रकार का प्रस्ताव दिया गया है, पर इस बार वह अभी तक खामोश हैं. कभी माकपा के करीब रहे सौरभ पर कांग्रेस ने भी डोरे डालने का प्रयास किया था, पर सफलता नहीं मिली. सौरभ के ऑफर ठुकराये जाने के बावजूद भाजपा खामोश नहीं बैठी है. सारधा घोटाले में बुरी तरह फंसी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के लिए सौरभ का भाजपा में शामिल होना एक बड़ा झटका साबित होगा, क्योंकि मौजूदा वक्त में तृणमूल कांग्रेस वैसे ही अपने महत्वपूर्ण नेताओं के पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने की समस्या से जूझ रही है. पिछले शुक्र वार को ही ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री रहे मंजुल कृष्ण ठाकुर भाजपा में शामिल हुए थे. चर्चा है कि तृणमूल के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी और चार मंत्री भाजपा में जाने की तैयारी में हैं.
सौरभ के शामिल होने की खबर में सच नहीं : भाजपा
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उन अटकलों को खारिज कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली भाजपा में शामिल होने वाले हैं. इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है. श्री सिंह ने बताया कि एक उद्योगपति के इस ट्वीट में कोई सच्चाई नहीं है कि सौरभ गांगुली पार्टी में शामिल होने वाले हैं. बहरहाल भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के लिए हमारे मन में बहुत आदर और सम्मान है. हमारे कुछ नेताओं के भी उनसे काफी मधुर संबंध हैं. बीती रात एक उद्योगपति ने ट्वीट किया था कि सौरभ गांगुली भाजपा में शामिल होने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सौरभ गांगुली को अपने स्वच्छ भारत मिशन के लिए नामित किया था.

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