रोगी कल्याण समिति के पास दो करोड़ का फंड, लेकिन अस्पताल में दवा नहीं (कल भी ले सकते हैं)

मुख्यमंत्री की घोषणा की निकली हवा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है जरूरी दवाएंकोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का दावा किया था, इसके साथ ही उन्होंने कई दवाएं अस्पताल से मुफ्त में मुहैया कराने की घोषणा की थी. लेकिन मुख्यमंत्री की यह सारी घोषणाएं खोखली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2015 9:02 PM

मुख्यमंत्री की घोषणा की निकली हवा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है जरूरी दवाएंकोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का दावा किया था, इसके साथ ही उन्होंने कई दवाएं अस्पताल से मुफ्त में मुहैया कराने की घोषणा की थी. लेकिन मुख्यमंत्री की यह सारी घोषणाएं खोखली साबित हुई हैं. मुख्यमंत्री ने यहां के लोगों को मुफ्त में (ओरल रिहाइड्रेशन सॉलुशन) ओआरएस के साथ-साथ जरूरी दवाएं देने की घोषणा की थी, लेकिन जरूरी दवाएं तो दूर रोगियों को अस्पतालों से ओआरएस तक नहीं मिल रहा है. ऐसी बात नहीं है कि फंड की कमी है, क्योंकि अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के पास दो करोड़ रुपये फंड है. इस राशि से भी इन दवाओं को खरीदा जा सकता है. लेकिन रोगी कल्याण समिति अपने फंड से रुपया नहीं देना चाहती है. अब ऐसी परिस्थिति में अगर रोगी कल्याण समिति फंड नहीं देती है तो यह कल्याण समिति के कार्यकलाप पर ही सवाल उठने लगा है. ऐसी ही परिस्थिति है महानगर में स्थित बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस की. जानकारी के अनुसार, इस संबंध में कई डॉक्टर्स फोरम ने स्वास्थ्य विभाग को भी जानकारी दी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं है. डॉक्टर्स फोरम का कहना है कि बीआइएन में महानगर के साथ ही राज्य के अन्य जिलों से भी लोग इलाज कराने आते हैं और उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में वह दवा कहां से खरीद पायेंगे. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले वर्ष 2014 के आगाज के साथ ही अपने फेसबुक साइट के माध्यम से लोगों को मुफ्त में ओआरएस सहित अन्य जरूरी दवाएं देने की घोषणा की थी.

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