ट्रामों के प्रदूषण के संबंध में सरकार को रिपोर्ट देने का निर्देश

कोलकाता. ट्रामों द्वारा शब्द प्रदूषण उत्पन्न किये जाने के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. सरकार को आठ सप्ताह के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट देनी होगी. अदालत ने यह भी कहा है कि इस प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2015 7:02 PM

कोलकाता. ट्रामों द्वारा शब्द प्रदूषण उत्पन्न किये जाने के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. सरकार को आठ सप्ताह के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट देनी होगी. अदालत ने यह भी कहा है कि इस प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, रिपोर्ट में उसका भी उल्लेख करना होगा. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है. हावड़ा गणतांत्रिक समिति की ओर से लाये गये इस मामले में पर्यावरणविद सुभाष दत्त ने दावा किया है कि ट्राम का शब्द प्रदूषण तय सीमा से अधिक है. इस संबंध में राज्य सरकार को कई बार कहा गया है लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है. सरकारी वकील के मुताबिक ट्राम एक हेरिटेज वाहन है. सरकार इस शब्द प्रदूषण को कम करने के उपाय पर विचार कर रही है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील नयनचंद बिहानी ने बताया कि 2013 में इस मामले की सुनवाई हुई थी. उसके तहत एक रिपोर्ट हाइकोर्ट में उन्होंने जमा की थी. ट्राम का शब्द प्रदूषण सीमा से अधिक है इसका उल्लेख रिपोर्ट में भी है. खंडपीठ के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण के संबंध मंे ट्राम के पहिये में क्या रबर का इस्तेमाल हो सकता है, उसपर भी विचार किया जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद होगी.

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