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विनिवेश के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे कोल इंडिया के कर्मचारी, आज करेंगे सांकेतिक हड़ताल

कोलकाता: केंद्र सरकार ने कोल इंडिया में फिलहाल विनिवेश नहीं करने का आश्वासन देते हुए कंपनी के कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के आश्वासन पर हड़ताल वापस भी ले लिया था, लेकिन शुक्रवार को केंद्र सरकार ने कोल इंडिया में और 10 फीसदी विनिवेश करने का फैसला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2015 7:19 AM
कोलकाता: केंद्र सरकार ने कोल इंडिया में फिलहाल विनिवेश नहीं करने का आश्वासन देते हुए कंपनी के कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के आश्वासन पर हड़ताल वापस भी ले लिया था, लेकिन शुक्रवार को केंद्र सरकार ने कोल इंडिया में और 10 फीसदी विनिवेश करने का फैसला किया है. इसके खिलाफ शुक्रवार को कोल इंडिया की ट्रेड यूनियनें सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगी. साथ ही ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल की भी चेतावनी दी है.
यूनियन के नेताओं ने कहा कि सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ इस मामले पर चर्चा के बाद भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय किया जायेगा. सरकार ने कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री पेशकश के जरिये बेचने का निर्णय किया है. यह बिक्री शुक्रवार को होगी. इससे सरकारी खजाने को 24,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
आईएनएफएफ (इंटक) के महासचिव एस क्यू जमा ने कहा कि हम सभी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि एक दो दिन में बैठक करेंगे और आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय करेंगे. इस बीच, सभी पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इसके खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का निर्णय किया है.
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के बैजनाथ राय ने अलग से कहा कि हम सरकारी पहल का विरोध करते हैं और हम हड़ताल पर जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम पहले ही विरोध, प्रदर्शन और रैली आदि शुरू कर चुके हैं. श्री राय ने कहा कि बीएमएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अगले महीने की शुरुआत में भोपाल में होने वाली है और उसमें इस बात का निर्णय किया जायेगा कि सरकार को कैसे जवाब दिया जाये.
एचएमएस से संबद्ध हिंद खादान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष एन पांडे ने कहा कि हम सरकार के कदम का पुरजोर विरोध करते हैं. सेफ्टी एंड हेल्थ मैनेजमेंट सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में जमा ने कहा कि सरकार ने किये गये वादों को नहीं निभाया और यूनियनों और सरकारी प्रतिनिधियों को मिला कर बननेवाली समिति का गठन अबतक नहीं हुआ है. समिति को कोल इंडिया में विनिवेश समेत अन्य मांगों पर गौर करना था.

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